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अंग प्रत्यारोपण मामले में अपोलो ग्लेनिगल्स हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस
कोलकाता : अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में अनियमितता बरते जाने के मामले में अपोलो ग्लेनिग्लस हॉस्पिटल को रीजनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (आरओटीटीओ) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अारओटीटीओ ने अस्पताल को तीन दिन का समय दिया है. अस्पताल को लिखित रूप से जवाब देने को कहा गया है. इससे संतुष्ट नहीं […]
कोलकाता : अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया में अनियमितता बरते जाने के मामले में अपोलो ग्लेनिग्लस हॉस्पिटल को रीजनल ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (आरओटीटीओ) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अारओटीटीओ ने अस्पताल को तीन दिन का समय दिया है. अस्पताल को लिखित रूप से जवाब देने को कहा गया है. इससे संतुष्ट नहीं होने पर आरओटीटीओ अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है.
गौरतलब है कि गत 26 अक्तूबर अपोलो हॉस्पिटल में अमित मुखर्जी (25) को ब्रेन डेथ घोषित किया गया था. अमित के हृदय सह किडनी, लीवर, नेत्र एवं स्किन दान किया गया था. अमित का हृदय अनामिका नस्कर (44) को दिया गया है. वह हावड़ा पांचला की रहने वाली है, जबकि अपोलो में ही हल्दिया निवासी संत लाल यादव (58) को किडनी तथा मनोज कुमार हेला (46) के शरीर में लीवर का प्रत्यारोपण किया गया था.
रोटो से प्राप्त जानकारी के अनुसार अंग प्रत्यारोपण से पहले ग्रहणकर्ता मरीजों की एक सूची रोटो को देना पड़ता है. उक्त मामले में अस्पताल से सितंबर महीने में जिन 10 मरीजों की सूची आरओटीटीओ को सौंपा था उसमें मनोज कुमार हेला का नाम नहीं था. इसके बावजूद मनोज का प्रत्यारोपण किया गया. इस मुद्दे को लेकर ही रोटो ने अपोलो को शो कॉज किया है.
सोमवार तक अस्पताल को लिखित रूप से आरओटीटीओ को जवाब देने के कहा गया है. उधर, अस्पताल सूत्रों की माने तो प्रबंधन ने सितंबर में 10 तथा फिर अक्तूबर महीने में अन्य दो मरीजों के नामो की तालिका रोटो को भेजा था. जिसके में मनोज कुमार हेला था नाम शामिल है. ऐसे में इस पूरे मामले में स्पष्टीकरण के लिए आरओटीटीओ ने अस्पताल को लिखित रूप से उत्तर मांगा है.
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