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कोलकाता : सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने का मामला, हेड कांस्टेबल कर सकेंगे चालान

कोलकाता : सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने वालों का अब हेड कांस्टेबल और नगरपालिका के अधिकारी भी चालान कर सकेंगे. सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम(कोटपा) के तहत जुर्माना वसूल करने और इस अधिनियम को लागू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिवों को […]

कोलकाता : सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने वालों का अब हेड कांस्टेबल और नगरपालिका के अधिकारी भी चालान कर सकेंगे. सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम(कोटपा) के तहत जुर्माना वसूल करने और इस अधिनियम को लागू करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिवों को हेड कांस्टेबल, नगरपालिका अधिकारी आदि को अतिरिक्त प्रवर्तन अधिकारियों के रूप में अधिसूचित करने के लिए पत्र लिखा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विकास शील के नाम से 25 अक्तूबर को जारी पत्र में कहा गया है कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक देश है. यह दुनिया भर में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है. भारत में तंबाकू की वजह से 13.5 लाख मौतें हो जाती हैं.
भारत में मुंह के कैंसर के लिए तंबाकू सबसे बड़ा कारण है. संविधान के अनुच्छेद 47 में निहित सामान्य रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाने और बच्चों और युवाओं को इसका आदी होने, तंबाकू के उपयोग को रोकने पर जोर देने के लिए केंद्र सरकार ने तंबाकू के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए कोटपा को लागू किया है.
इस पृष्ठभूमि में और देश में कोटपा प्रवर्तन अभियान को मजबूत करने के लिए, राज्य सरकारों के लिए यह उचित होगा कि वे अतिरिक्त प्रवर्तन अधिकारियों जैसे हेड कांस्टेबल, नगरपालिका अधिकारी इत्यादि को अधिसूचित करने और धारा 4 और 6 के उल्लंघन के खिलाफ जुर्माना वसूल करने पर विचार कर सकते हैं.
यह कोटपा, 2003 की भावना के अनुरूप होगा. संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के संजय सेठ ने इस फैसले पर कहा कि हेड कांस्टेबल की संख्या उप निरीक्षकों की तुलना में चार गुना से अधिक और यह निर्णय निश्चित रूप से कोटपा के मजबूत कार्यान्वयन में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि उप निरीक्षकों की मामलों की जांच, अदालत में मामलों में भाग लेने और अन्य प्रमुख मामलों में कई जिम्मेदारियां हैं, इसलिए हेड कांस्टेबल को अधिकृत करना इस दिशा में वास्तव में सहायक साबित होगा क्योंकि इससे कोटपा कार्यान्वयन के लिए अधिक बल उपलब्ध होगा. वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिम (वीओटीवी) व नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, हावड़ा के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ सौरव दत्ता ने कहा कि यह एक सिद्ध तथ्य है कि तंबाकू लेागों की मौत का एक प्रमुख कारण है और केंद्र सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू के उपयोग को कम करने में और जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा.
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषिद्ध है, और नाबालिगों को इसकी बिक्री पर रोक लगी है. किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर भी रोक है.

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