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कहां गया गांधीजी का चश्मा?
कोलकाता : महानगर के मेयो रोड स्थित गांधी मूर्ति पर अभी तक बापू का चश्मा नहीं लग पाया है. वर्ष 1993 से लेकर आज तक चश्मा लगाने की मांग पर काशीनाथ कांस वनिक सत्याग्रह करते आ रहे हैं. अपनी मांग को लेकर हर साल दो अक्तूबर को गांधी जयंती और 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि […]
कोलकाता : महानगर के मेयो रोड स्थित गांधी मूर्ति पर अभी तक बापू का चश्मा नहीं लग पाया है. वर्ष 1993 से लेकर आज तक चश्मा लगाने की मांग पर काशीनाथ कांस वनिक सत्याग्रह करते आ रहे हैं. अपनी मांग को लेकर हर साल दो अक्तूबर को गांधी जयंती और 30 जनवरी को उनकी पुण्यतिथि पर वह गांधीजी की मूर्ति के पास सत्याग्रह करते हैं. इस बार भी वह आये और राज्य सरकार से गांधीजी का चश्मा उपलब्ध कराने की मांग की.
देवी प्रसाद चौधरी ने इस मूर्ति को बनवाया था. इस मूर्ति को पार्क स्ट्रीट में स्थापित किया गया था. लेकिन मेट्रो रेलवे के निर्माण के समय इस मूर्ति को पार्क स्ट्रीट से स्थानांतरित करके मेयो रोड में स्थापित किया गया. इसी दौरान इस मूर्ति से गांधीजी का चश्मा गायब हो गया. काशीनाथ कांस तभी से सभी मुख्यमंत्री, राज्यपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री व दिवंगत प्रियरंजन दासमुंशी से लेकर ममता बनर्जी के संज्ञान में इस मामले को लाये.
हर किसी ने आश्वासन दिया कि वह चश्मा की तलाश करवायेंगे. लेकिन अभी तक गांधीजी का चश्मा नहीं मिला. दुखी काशीनाथ कांस वनिक उम्र के आखिरी पड़ाव में होने के बावजूद गांधी जयंती और उनकी पुण्यतिथि पर चश्मा के लिए सत्याग्रह करने यहां पहुंच जाते हैं. इस बार भी वह आये और दुखी स्वर में बोले कि देश के इस महान विभूति का नाम लेकर राजनीति करनेवालों की कमी नहीं है. बावजूद इसके उनके चश्मे बिना अधूरी प्रतिमा की सुध लेनेवाला कोई नहीं है.
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