कोलकाता: राज्य के सबसे बड़े सरकारी एसएसकेएम यानी पीजी हॉस्पिटल में अब बाइपास सजर्री का खर्च कम होनेवाला है. राज्य सरकार ने यहां सजर्री के खर्च में 50 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सके.
गौरलतब है कि एसएसकेएम अस्पताल में बाइपास सजर्री के लिए भरती कराने में ही काफी मशक्कत करनी पड़ती थी और बाद में यह पता चलता था कि यहां पर भी बाइपास सजर्री कराने का खर्च निजी अस्पतालों के समान ही था. इसलिए सरकारी अस्पताल में भी सजर्री कराने पर रोगियों को आर्थिक रूप से कोई लाभ नहीं मिल पाता था. सरकारी अस्पताल में बाइपास कराने पर इसके लिए प्रयोग किये जानेवाली दवाएं व उपकरण सिर्फ एक-दो संस्थाएं ही मुहैया करा पा रही हैं. साथ ही रोगियों को इसका प्रेस्क्रिप्शन नहीं मिल पाता था, इससे यह प्रेस्क्रिप्शन सीधे दवाएं व उपकरण मुहैया करानेवाली कंपनी के पास चला जाता था और इससे लोगों को दवाओं के अधिक राशि खर्च करनी पड़ती थी.
इस पूरी प्रक्रिया में कमीशन लेने के आरोप भी सामने आते थे. लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा खोले न्याय मूल्य की दवा दुकानों में पेस मेकर व स्टेंट बाजार की कीमत से काफी कम दर पर उपलब्ध है.
अब एसएसकेएम प्रबंधन ने फैसला किया है कि अब दवाओं के प्रेस्क्रिप्शन को सीधे रोगी के परिजनों को सौंप दिया जायेगा और अब वह इन दुकानों से ही बाजार से कम कीमत पर दवा व उपकरण खरीद सकेंगे. इससे पहले यहां बाइपास सजर्री कराने में कम से कम एक लाख रुपये खर्च होता था, जो अब कम होकर लगभग 50 हजार रुपये हो जायेगा.