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कोलकाता : राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के पास डायन के संदेह में प्रताड़ना के मामलों की जानकारी नहीं

युक्तिवादी समिति ने आरटीआइ, 2015 के अंतर्गत मांगी थी जानकारी कोलकाता : राज्य के मालदा, पुरुलिया, बांकुड़ा, वीरभूम, बर्दवान, उत्तर-दक्षिण दिनाजपुर आदि जिलों में ‘डायन’ के नाम पर महिला पर सिर्फ जुल्म ही नहीं, बल्कि उन्हें इसके नाम पर हत्या तक कर देने की घटनाएं हो रही हैं. ऐसी घटनाएं अखबारों की सुर्खियां तो जरूर […]

युक्तिवादी समिति ने आरटीआइ, 2015 के अंतर्गत मांगी थी जानकारी
कोलकाता : राज्य के मालदा, पुरुलिया, बांकुड़ा, वीरभूम, बर्दवान, उत्तर-दक्षिण दिनाजपुर आदि जिलों में ‘डायन’ के नाम पर महिला पर सिर्फ जुल्म ही नहीं, बल्कि उन्हें इसके नाम पर हत्या तक कर देने की घटनाएं हो रही हैं.
ऐसी घटनाएं अखबारों की सुर्खियां तो जरूर बनती हैं, लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (पश्चिम बंगाल) के सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के राज्य जन सूचना अधिकारी ने एक आरटीआइ के जवाब में बताया कि वांछित जानकारी इस कार्यालय द्वारा नहीं बनाये रखी जा रही है. इसलिए कोई जानकारी आपूर्ति नहीं की जा सकती है.
भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति की पुरुलिया जिला कमेटी के सचिव मधुसूदन महतो ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2015 के अंतर्गत पश्चिम बंगाल में ‘डायन’ के संहेद में प्रताड़ना के मामलों की जानकारी मांगी थी.
राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (पश्चिम बंगाल) के सूचना का अधिकार अधिनियम के राज्य जन सूचना अधिकारी, पुलिस अधीक्षक से यह जानकारी 14 अगस्त, 208 को मांगी गयी थी. इसके जवाब में राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के सूचना का अधिकार अधिनियम के राज्य जन सूचना अधिकारी, पुलिस अधीक्षक ने 30 अगस्त, 2018 को मधुसूदन महतो को जवाब में बताया कि वांछित जानकारी इस कार्यालय द्वारा नहीं बनायी रखी जा रही है इसलिए, कोई जानकारी आपूर्ति नहीं की जा सकती है.
क्या है मामला :
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में डायन के संदेह में तीन आदिवासी महिलाओं की पीट-पीट कर हत्या करने के एक मामले में पश्चिम मेदिनीपुर जिले की घाटाल महकमा अदालत ने 16 मई 2016 को एक महिला समेत सात लोगों को फांसी की सजा सुनायी थी. इस मामले में कुल 14 आरोपी थे, जिनमें से अन्य पांच को अदालत ने आजीवन कारावास व एक महिला को सात वर्ष कैद की सजा सुनायी है. घटना अक्तूबर 2012 की है.
बताया जाता है कि मेदिनीपुर के दासपुर व डेबरा थाना सीमा पर स्थित दुबराजपुर गांव में कई लोग बीमार पड़ गये थे. 16 अक्तूबर 2012 को गांव में एक साॅलिसी सभा हुई. सभा में पंचों ने फूलमनि सिंह (62), उनकी बेटी श्वारी सिंह (40) व शस्वरी सिंह (55) को डायन करार दिया था. इसके बाद उन तीनों महिलाओं की बांस से पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी और कंसावती नदी के किनारे उनके शव गाड़ दिये गये थे.

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