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बंगाल में हैं देश के सबसे अधिक भिखारी, दूसरे व तीसरे नंबर पर क्रमश: उत्तर प्रदेश व बिहार

देश में 21 फीसदी भिखारी हैं शिक्षित, कई प्रोफेशनल डिग्रीधारक भी लोकसभा में केंद्रीय मंत्री ने दिया डाटा, सबसे कम लक्षद्वीप में कोलकाता : देश में इस वक्त कुल 413760 भिखारी हैं जिनमें 221673 भिखारी पुरुष और शेष महिलाएं हैं. भिखारियों की इस लिस्ट में पश्चिम बंगाल सबसे आगे है. वहीं दूसरे नंबर पर उत्तर […]

देश में 21 फीसदी भिखारी हैं शिक्षित, कई प्रोफेशनल डिग्रीधारक भी
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री ने दिया डाटा, सबसे कम लक्षद्वीप में
कोलकाता : देश में इस वक्त कुल 413760 भिखारी हैं जिनमें 221673 भिखारी पुरुष और शेष महिलाएं हैं. भिखारियों की इस लिस्ट में पश्चिम बंगाल सबसे आगे है. वहीं दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और तीसरे नंबर पर बिहार है.
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलौत ने लोकसभा में भिखारियों की संख्या का डेटा पेश किया था. डाटा के अनुसार भारत में चार लाख 13 हजार 670 भिखारी हैं. दो लाख 21 हजार 673 पुरुष हैं, जबकि एक लाख 91 हजार 997 महिलाएं हैं. वहीं पश्चिम बंगाल में भिखारियों और बेघरों की संख्या देश में सबसे ज्यादा है. 81 हजार भिखारी सिर्फ पश्चिम बंगाल में रहते हैं. उत्तर प्रदेश में कुल 65838 भिखारी हैं इनमें 41859 पुरुष और 23976 महिलाएं है.वहीं बिहार में 29723 भिखारी हैं इनमें 14842 पुरुष और 14881 महिलाएं है, लेकिन एक ऐसी जगह है जहां भिखारियों की संख्या सबसे कम है, लक्षद्वीप में महज दो भिखारी हैं.
संसद में पेश किये गये आंकड़ों के अनुसार दादर नगर हवेली में 19, दमन और दीयू में 22 और अंडमान और निकोबार द्वीप पर सिर्फ 56 बेघर हैं.
देश की राजधानी में दो हजार 187 भिखारी हैं. वहीं असम, मणिपुर और पश्चिम बंगाल में महिला भिखारियों की संख्या पुरुषों से ज्यादा है. एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन भिखारियों को उनकी क्षमतानुसार अनुसार रोजगार दिया जायेगा. सर​कार इस तरह के बेघर और बेसहारा भिखारियों के हर संभव मदद का प्रयास कर रही है.
भारत में सड़कों पर भीख मांगने वाले लगभग 78 हजार भिखारी शिक्षित हैं और उनमें से कुछ के पास प्रोफेशनल डिग्री भी है. यह चौकाने वाली बात सरकारी आंकड़ों में सामने आयी है. 2011 की जनगणना रिपोर्ट में “कोई रोजगार ना करने वाले और उनके शैक्षिक स्तर” का आंकड़ा हाल ही में जारी किया गया है.देश के कुल भिखारियों में से लगभग 79 हजार यानि 21 फीसदी साक्षर हैं. हाई स्कूल या उससे अधिक पढ़े लिखे भिखारियों की संख्या भी कम नहीं है.
यही नहीं इनमें से करीब 3000 ऐसे हैं जिनके पास कोई न कोई टेक्निकल या प्रोफेशनल कोर्स का डिप्लोमा है. और इनमें से ही कुछ के पास डिग्री है और कुछ भिखारी तो पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. अन्य सरकारी आंकड़े के अनुसार भीख मांगने वालों में 40 हजार से ज्यादा बच्चे भी शामिल हैं. वैसे देश के कई राज्यों में भीख मांगने पर प्रतिबंध है.

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