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कोलकाता : सीमा सुरक्षा पर भारत-बांग्लादेश के बीच बैठक
47वीं बैठक में अहम मुद्दों पर हो रही है चर्चा तस्करी बंद करने को लेकर भी हो रही बातचीत कोलकाता : भारत-बांग्लादेश दोनों मित्र देश हैं और दोनों देशों की सीमा की सुरक्षा को लेकर लगातार सौहार्दपूर्ण वातावरण में बैठक होती रहती हैं. 46वीं बैठक ढाका में हुई थी तो 47वीं बैठक नयी दिल्ली में […]
47वीं बैठक में अहम मुद्दों पर हो रही है चर्चा
तस्करी बंद करने को लेकर भी हो रही बातचीत
कोलकाता : भारत-बांग्लादेश दोनों मित्र देश हैं और दोनों देशों की सीमा की सुरक्षा को लेकर लगातार सौहार्दपूर्ण वातावरण में बैठक होती रहती हैं. 46वीं बैठक ढाका में हुई थी तो 47वीं बैठक नयी दिल्ली में हो रही है. इसमें दोनों देशों के आला सीमा सुरक्षा प्रहरी हिस्सा ले रहे हैं.
सीमा की सुरक्षा और अपराधियों के दमन के साथ परस्पर सौहार्द बढ़ाने के कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है. बार्डर सिक्यूरिटी फोर्स की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में इस आशय की जानकारी दी गयी है. विज्ञप्ति के अनुसार, सोमवार से शुरू हुई यह बैठक आठ सितंबर तक चलेगी.
हालांकि साल में दो बार दोनों देशों के बीच यह बैठक होती है. बीएसएफ (बार्डर सिक्यूरिटी फोर्स) और बीजीबी (बार्डर गार्ड बांग्लादेश) के आला अधिकारियों के साथ हो रही इस बैठक में परस्पर सौहार्द बढ़ाने की दिशा में विशेष जोर दिया जा रहा है.
इसके लिए भारत सरकार की पहल पर कई प्रस्ताव दिये जाने की खबर है. इसके तहत बीजीबी के अधिकारियों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली समेत विभिन्न सरकारी संस्थानों में हर संभव मदद करने के अलावा उनकी पत्नियों के लिए की सुविधा देने पर भी चर्चा हो रही है. इसके अलावा सीमांत इलाकों में अपराधों को दमन करने के लिए दोनों देशों के बीच और बेहतर तालमेल की जरूरत पर चर्चा हो रही है.
बैठक में बीएसएफ के डीजी केके शर्मा और बीजीबी के महापरिचालक मेजर जनरल मोहम्मद सफिकुल इस्लाम के साथ अन्य अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं.
बैठक में भारत की ओर से बीएसएफ के प्रतिनिधि बांग्लादेशी अपराधियों के हमलों को रोकने व सीमांत इलाकों में अपराधों के दमन का मुद्दा उठा रहे हैं. इसके लिए संयुक्त अभियान की जरूरत बतायी जा रही है.
इसके अलावा भारत के विद्रोही समूहों के खिलाफ अभियान चलाने और सीमा पर संयुक्त मार्च की जरूरत पर बल दिया गया. इसके अलावा दोनों देशों के बीच नशीले पदार्थों की तस्करी का मामला तो है ही. साथ में बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों को वापस लेने जैसे मुद्दे भी हैं.
कोलकाता : पंचायत विभाग की योजनाओं के लिए आवंटित राशि व उसके खर्च करने की प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए ई-गवर्नेंस के दायरे में लाने की योजना बनायी गयी है. पंचायत विभाग के सभी त्रिस्तरीय कार्य को किस प्रकार से कंप्यूटर के माध्यम से पूरा किया जाए और हर एक योजना के बारे में संपूर्ण कंप्यूटर में रखी जाये.
इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी का चेयरमैन पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी को बनाया गया है. इसके साथ-साथ कमेटी में राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी, खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक, शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम व खेल मंत्री अरूप विश्वास को शामिल किया गया है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कमेटी को पंचायत विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन पर रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
पंचायत विभाग के अधिकारियों ने विभागीय कार्यों को लेकर काफी सुझाव दिये हैं, इस संबंध में कमेटी आपस में चर्चा करेगी और उसके बाद अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को जमा करेगी. रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री की मुहर लगने के बाद पंचायत विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जायेगा. इस संबंध में राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ग्रामीण विकास पर काफी अधिक जोर दे रही हैं.
पंचायत व ग्रामीण विकास की गति को और तेज करने के लिए मुख्यमंत्री ने यह कमेटी बनाई है. अभी कमेटी एक बैठक हुई है, अभी और 10 से भी अधिक बैठक कर हर पहलुओं पर चर्चा की जायेगी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने तीन-चार एजेंडा तय कर दिया है. उसे सामने रख कर ही कमेटी कार्य करेगी. पंचायत में कर वसूली से लेकर सभी कार्यों में ई-गवर्नेंस प्रणाली को लागू करने की योजना बनाई गयी है.
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