कोलकाता. एक साल पहले एक कल्चरल प्रोग्राम में मंदिरा (25) की मुलाकात तारक (33) से एक दोस्त के जरिए हुई थी. दृष्टिबाधित दोनों में बातचीत हुई, फोन नंबर एक्सचेंज हुए और धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदल गयी. मंदिरा और तारक इसी सप्ताह दृष्टिबाधितों के एक स्कूल में सात फेरे लेकर हमेशा के लिए एक-दूजे के हो गये. दृष्टिबाधित लोगों के स्पेशल स्कूल वॉयस ऑफ वर्ल्ड में ही रहनेवाली मंदिरा ने बुधवार को अपने सपनों के राजकुमार से शादी कर ली.
फूलों से सजे विवाह स्थल और शहनाइयों की गूंज के बीच बनारसी साड़ी और सोने के गहनों से सुसज्जित मंदिरा एक खूबसूरत दुल्हन लग रही थीं. वहीं धोती, कुर्ता और टोपोर पहनकर बंगाली दूल्हे के परिधान में तारक भी खूब जंच रहा था. नौवीं में पढ़ाई कर रहीं मंदिरा ने कहा कि उन दोनों के बीच संगीत का रिश्ता है. वह गिटार बजाते हैं और पढ़ाई में भी मदद करते हैं. उनकी सोच और स्ट्रेट फॉरवर्ड ऐटिट्यूड उसे आकर्षित करती है. वहीं तारक ने कहा कि मंदिरा का नेचर और कीर्तन के लिए उनका पैशन देख उन्होंने शादी का फैसला किया.
दोनों ही एक-दूसरे को अच्छे से समझते हैं. पहले फैमिली इस शादी के खिलाफ थी, क्योंकि दोनों ही देख नहीं सकते थे. लेकिन उसने तय कर लिया था कि अगर शादी वह करेगा तो सिर्फ मंदिरा से ही. दोनों की शादी में वॉयस ऑफ वर्ल्ड स्कूल ने बड़ी भूमिका अदा की. स्कूल की सचिव गार्गी गुप्ता ने कहा कि उनके लिए यह खुशी और दुख दोनों का समय है. मंदिरा को दुल्हन के गेट-अप में देखना उनके लिए बहुत भावुक था. वह दोनों के सुखद भविष्य और खुशियों की कामना करती हैं.