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सीआइडी व फाॅरेंसिक टीम ने राज्य सचिवालय को सौंपा ज्ञापन
कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान शामियाना गिरने की घटना की जिम्मेदारी राज्य सरकार नहीं लेना चाहती है. घटना के बाद सीआइडी व फाॅरेंसिक टीम ने सभास्थल का दौरा किया और जांच रिपोर्ट राज्य सचिवालय को सौंप दी है. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में राज्य […]
कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के दौरान शामियाना गिरने की घटना की जिम्मेदारी राज्य सरकार नहीं लेना चाहती है. घटना के बाद सीआइडी व फाॅरेंसिक टीम ने सभास्थल का दौरा किया और जांच रिपोर्ट राज्य सचिवालय को सौंप दी है. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस रिपोर्ट में राज्य की खुफिया एजेंसिया ने कार्यक्रम के आयोजक व केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसियों को जिम्मेवार ठहराया है.
बताया गया है कि नियम के अनुसार, प्रधानमंत्री का अगर कहीं पर भी दौरा होता है, तो वहां की तैयारियों व सुरक्षा का जिम्मा प्रधानमंत्री की सुरक्षा करनेवाली स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) की होती है. जांच रिपोर्ट में एसपीजी की भूमिका पर सवाल उठाये गये हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री की सभा के लिए बने अस्थायी शामियाना को बनाने में लापरवाही बरती गयी थी.
खंभे को जमीन के ज्यादा नीचे तक नहीं लगाया था, जहां पर खम्भों को खड़ा करने के लिए चार स्क्रू की जरूरत थी, वहां सिर्फ एक स्क्रू लगाये गये थे. साथ ही वहां हुई लगातार बारिश से शामियाना के ऊपर पानी जम गया था और नीचे मिट्टी भी गीली हो चुकी थी, जिसकी वजह से यह घटना हुई.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शामियाना लगाने के बाद राज्य पुलिस ने इसकी अच्छी तरह से जांच की थी और उसके बाद इसकी अनुमति दी थी. लेकिन राज्य पुलिस द्वारा अनुमति दिये जाने के बाद फिर से इसमें बदलाव किया गया. हालांकि, प्रधानमंत्री के दौरे के एक सप्ताह पहले से पूरे क्षेत्र को एसपीजी ने अपने कब्जे में ले लिया था, इसलिए वहां राज्य पुलिस के करने के लिए कुछ नहीं था. साथ ही राज्य सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर इस घटना को लेकर केंद्र सरकार जांच करना चाहती है, तो इससे राज्य को कोई आपत्ति नहीं है.
जानकारी के अनुसार, इस घटना के संबंध में केंद्र सरकार ने पश्चिम मेदिनीपुर के जिलाधिकारी व जिला पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट तलब किया है. इस संबंध में राज्य के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री देश के सर्वोच्च नेता हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार अगर चाहे तो जांच कर सकती है.
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