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कांग्रेस संग तालमेल के प्रस्ताव में वाममोर्चा में आ रहीं दरारें
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कुछ नेताओं द्वारा कांग्रेस के साथ ‘तालमेल’ की वकालत के बाद चार दशक से चल रहे माकपा के नेतृत्ववाले वाम मोर्चे में दरार उभरती दिख रही है. एक समय मोर्चे की चिर-प्रतिद्वंद्वी रही कांग्रेस के साथ माकपा की बढ़ती नजदीकी से नाराज गठबंधन सहयोगी ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआइएफबी), द […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कुछ नेताओं द्वारा कांग्रेस के साथ ‘तालमेल’ की वकालत के बाद चार दशक से चल रहे माकपा के नेतृत्ववाले वाम मोर्चे में दरार उभरती दिख रही है. एक समय मोर्चे की चिर-प्रतिद्वंद्वी रही कांग्रेस के साथ माकपा की बढ़ती नजदीकी से नाराज गठबंधन सहयोगी ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (एआइएफबी), द रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने ‘किसी भी तरह के समझौते ‘ को लेकर नाराजगी व्यक्त की है. एआइएफबी और भाकपा ने धमकी दी है कि अगर माकपा 2019 के आम चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन करती है, तो वह मोर्चा से अलग हो जायेंगी.
फाॅरवर्ड ब्लॉक के राज्य सचिव नरेन चटर्जी ने बताया : हमने माकपा को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि अगर कांग्रेस के साथ किसी तरह का गठबंधन या समझौता होता है, तो हम मोर्चे से अलग हो जायेंगे. हम कांग्रेस और भाजपा दोनों का विरोध करते हैं. हमारे लिए, दोनों सत्ता वर्ग के प्रतिनिधि हैं. श्री चटर्जी ने कहा : 2016 के विधानसभा चुनाव में मकपा ने कांग्रेस के साथ सीटों पर बंटवारा किया था, जिसमें हम बुरी तरह प्रभावित हुए थे.
समझौता हमारे लिए विनाशकारी रहा है और कांग्रेस के लिए लाभकारी रहा है. नौ पार्टियोंवाला वाम मोर्चा, 1977 से लेकर 2011 तक पश्चिम बंगाल में 34 साल तक सत्ता पर काबिज रहा. इस मोर्चे में माकपा, आरएसपी, भाकपा और फॉरवर्ड ब्लॉक मुख्य सहयोगी हैं.पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के एक वर्ग ने 2019 में भाजपा को हराने के लिए वाम दलों के साथ समझौता करने का संकेत दिया है.
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