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कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय में कला विषयों के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं

कोलकाता : जादवपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन व शिक्षकों के बीच एडमिशन टेस्ट की नयी प्रक्रिया को लेकर काफी दिनों तक मतभेद चलता रहा. बुधवार को एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक के बाद दाखिला प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है. अब निर्णय लिया गया है कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में 6 ह्यूमनिटीज विषयों के लिए 11 जुलाई को […]

कोलकाता : जादवपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन व शिक्षकों के बीच एडमिशन टेस्ट की नयी प्रक्रिया को लेकर काफी दिनों तक मतभेद चलता रहा. बुधवार को एक्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक के बाद दाखिला प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है.

अब निर्णय लिया गया है कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में 6 ह्यूमनिटीज विषयों के लिए 11 जुलाई को होने वाली प्रवेश परीक्षा इस साल नहीं होगी. छात्रों के उच्च माध्यमिक अथवा 10+2 के उच्चतम अंकों के आधार पर ही दाखिला दिया जायेगा. जेयू के रजिस्ट्रार चिरंजीव भट्टाचार्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बुधवार को प्रवेश समिति की बैठक में इस साल दाखिला परीक्षा नहीं कराने का फैसला लिया गया.
अंग्रेजी, तुलनात्मक साहित्य, राजनीति विज्ञान, दर्शन शास्त्र, इतिहास व बांग्ला विषय को लेकर स्नातक में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं होगी. अगले साल प्रवेश परीक्षा कैसे होगी, इसका निर्णय बाद में लिया जायेगा.
हालांकि इन विषयों में प्रवेश परीक्षा लेने के लिए यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने लिखित आवेदन भी किया था, इसके बावजूद अब परीक्षा को फिलहाल रद्द कर दिया गया है. मंगलवार को इसी को लेकर एडमिशन कमेटी की बैठक बुलायी गयी थी. बैठक में कोई खास नतीजा नहीं निकला.
उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कुछ दिन पहले कहा था कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में दाखिला छात्रों के 12वीं के अंकों के आधार पर होना चाहिए, किसी एडमिशन टेस्ट की जरूरत नहीं है. इसी घोषणा व सरकार के दबाव के कारण ऐसा फैसला लिया गया है. यूनिवर्सिटी के इस फैसले से शिक्षा जगत में नाराजगी है.
कई शिक्षकों का कहना है कि इस तरह का फैसला यह सिद्ध करता है कि अब एकेडमिक स्वायत्ता व स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा रहा है. वहीं जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जूटा) ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है.
इस विषय में संगठन के सहायक सचिव पार्थ राय का कहना है कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में आर्ट्स के लिए प्रवेश परीक्षा हेतु विज्ञापन भी जारी किया गया था. हमेशा से यह परीक्षा होती आयी है. अब इस साल इसको रद्द कर दिया गया है, इससे हम सहमत नहीं हैं. गुरुवार को संगठन की ओर से एक बैठक बुलायी गयी है.
कोलकाता : जादवपुर यूनिवर्सिटी में बुधवार को हुई एग्जिक्यूटिव कमेटी की बैठक के बाद प्रवेश परीक्षा फिलहाल रद्द करने का फैसला लिया गया. इसके प्रतिवाद में जहां छात्रों ने देर रात तक कैंपस के अरविंद भवन के सामने प्रदर्शन किया. वहीं इस फैसले से शिक्षकों में भी काफी नाराजगी देखी गयी. इस मामले में छात्रों का कहना है कि लगभग 17,000 छात्रों ने आवेदन किया था. वे टेस्ट देने की तैयारी में लगे रहे. इस टेस्ट के लिए दो बार जादवपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी की गयी. 3 जुलाई से तारीख बदलकर 11 जुलाई की गयी. इस मामले में फेत्सु यूनियन के एक सदस्य ने बताया कि ह्यूमनिटीज के 6 विषयों में प्रवेश परीक्षा के लिए जो जादवपुर यूनिवर्सिटी द्वारा नोटिस जारी किया गया था, कम से कम उनमें परीक्षा होनी चाहिए. छात्रों ने दो बार प्रशासन की बात मानी लेकिन अब इसको रद्द करने की घोषणा से छात्र काफी परेशान हैं. छात्रों को समझ में नहीं आ रहा है कि अब वो क्या करें. इसी के विरोध में छात्र देर रात तक प्रदर्शन व नारेबाजी करते रहे.
कुछ छात्रों का कहना है कि सरकार की ओर से या टीएमसी छात्र परिषद की ओर से एग्जिक्यूटिव काउंसिल पर दबाव बनाया गया है. टीएमसी जादवपुर यूनिवर्सिटी के कामकाज पर अपना नियंत्रण करना चाहती है.
वहीं जेयू के शिक्षकों का कहना है कि दाखिला संबंधी कोई भी फैसला लेने का अधिकार एडमिशन कमेटी का है, लेकिन अब इस स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है. एकेडमिक स्वायतत्ता व स्वतंत्रता पर यह हमला है, जो ठीक नहीं है.
वहीं कुछ शिक्षकों का कहना है कि आर्ट्स में प्रवेश टेस्ट लेने की काफी पुरानी प्रणाली है. अब इस साल इसको रद्द किया जा रहा है, इससे शिक्षा के स्तर पर भी असर पड़ेगा. इस विषय में जादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जूटा) ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है.
इस विषय में संगठन के सहायक सचिव पार्थ राय का कहना है कि जादवपुर यूनिवर्सिटी में आर्ट्स के लिए प्रवेश परीक्षा के लिए विज्ञापन भी जारी किया गया था. हमेशा से यह परीक्षा होती आयी है. अब इस साल इसको रद्द कर दिया गया है, इससे हम सहमत नहीं हैं. गुरुवार को संगठन की ओर से एक बैठक बुलायी गयी है. इसमें आगे की रणनीति तय की जायेगी.
गाैरतलब है कि ह्यूमनिटीज के 6 विषयों को लेकर प्रवेश परीक्षा 11 जुलाई से फाइनल की गयी थी. इसके लिए छात्रों ने काफी आंदोलन व वी सी का घेराव भी किया था. अब इसको रद्द करने की घोषणा की गयी है.
इस मामले में जादवपुर यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने परीक्षा के प्रश्नपत्र व मूल्यांकन के लिए बाहरी (एक्सटर्नल) एक्जामिनर की नियुक्ति को लेकर भी प्रतिवाद किया था. उनका कहना था कि इससे जादवपुर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी सदस्यों का मान घट जायेगा. जादवपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन व शिक्षक वर्ग में अभी भी नीतियों को लेकर मतभेद जारी है.
एडमिशन कमेटी की मंगलवार की बैठक में भी कुछ ठोस फैसला नहीं हुआ. शिक्षक सभी विषयों के लिए टेस्ट को सही कदम मान रेह थे. उनका कहना है कि इससे समानता व पारदर्शिता बनी रहेगी. अब नये फैसले से शिक्षकों में नाराजगी है.

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