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मेरिट सूची में उच्च माध्यमिक के विद्यार्थी पीछे
कोलकाता : राज्य के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया जारी है. दाखिला 22 जून से शुरू हुआ है. अब कॉलेजों की ओर से जितनी भी मेधावी सूची निकाली जा रही है, उनमें सीबीएसइ (12वीं) व आइएससी के छात्रों को पहले स्थान दिया गया है. इसमें कॉलेज प्रशासन कोई अन्याय नहीं कर रहा है, लेकिन […]
कोलकाता : राज्य के विभिन्न कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया जारी है. दाखिला 22 जून से शुरू हुआ है. अब कॉलेजों की ओर से जितनी भी मेधावी सूची निकाली जा रही है, उनमें सीबीएसइ (12वीं) व आइएससी के छात्रों को पहले स्थान दिया गया है. इसमें कॉलेज प्रशासन कोई अन्याय नहीं कर रहा है, लेकिन सेंट्रल बोर्ड के स्कूली छात्रों के अंक राज्य शिक्षा बोर्ड यानी कि उच्च माध्यमिक के छात्रों की अपेक्षा हमेशा अच्छे होते हैं.
उस हिसाब से ही पहले सीबीएसइ व आइएससी छात्रों को मेरिट सूची में स्थान मिलता है. इसमें कुछ शिक्षकों की राय है कि बंगाल राज्य के शिक्षा बोर्ड व सेंट्रल बोर्ड के पाठ्यक्रम, प्रश्नपत्र व मूल्यांकन की प्रक्रिया एकदम अलग है. हालांकि अभी इसमें दूरी कुछ कम हो रही है. अब उच्च माध्यमिक में भी अंकों के साथ ग्रेडिंग की व्यवस्था की गयी है. फिर भी अभी परीक्षा में अंकों के क्राइटेरिया में समानता नहीं आ पायी है.
आइएससी व सीबीएसइ 12वीं के छात्रों ने फिर से उच्च माध्यमिक के छात्रों को पीछे कर दिया है. कॉलेज की मेरिट सूची में पहले सेंट्रल बोर्ड के छात्र ही उच्चतम स्थान हासिल करते हैं. हालांकि कुछ कॉलेज उच्च माध्यमिक के छात्रों के लिए अलग कट-ऑफ माक्स रखते हैं, लेकिन फिर भी अभी इस पैटर्न में असमानता बनी रहती है.
उच्च माध्यमिक शिक्षा पर्षद की ओर से यह कोशिश की गयी कि दिल्ली बोर्ड की तरह ही मूल्यांकन प्रणाली से अंकों का स्तर कुछ बढ़ाया जाये, लेकिन फिर भी दाखिले में समानता की बात व्यावहारिक नहीं हो पाती है. कुछ कॉलेज प्रिंसिपल मानते हैं कि सभी बोर्ड के छात्रों के लिए एक ही नियम होने से उच्च माध्यमिक के छात्रों के साथ अन्याय हो जाता है. अलग-अलग प्रणाली से मूल्यांकन प्रक्रिया सबकी अलग तरीके से की जाती है. श्री शिक्षायतन कॉलेज में सभी विषयों जैसे इतिहास, राजनीति विज्ञान, केमेस्ट्री व मैथमेटिक्स में टॉप रैंक के आइएससी छात्रों को पहले जगह मिली है.
वहीं, उच्च माध्यमिक में प्रथम स्थान पानेवाले छात्र की राजनीति विज्ञान की मेरिट सूची में 22वां व केमेस्ट्री की सूची में सातवां स्थान है. लोरेटो कॉलेज में भी साइकोलोजी विभाग की सूची में प्रथम 25 नाम आइएससी व सीबीएसइ (12वीं) के छात्रों का है. गत साल की तुलना में इस बार उच्च माध्यमिक में छात्रों ने अच्छे अंक हासिल किये, लेकिन फिजिक्स व केमेस्ट्री की मेरिट सूची में वे उच्चतम स्थान नहीं बना पाये. वहीं, सेंट्रल बोर्ड से जुड़े छात्र प्रथम मेरिट सूची में ही अपनी जगह बना पाये. सेंट जेवियर्स कॉलेज ने हमेशा की तरह अलग-अलग बोर्ड के छात्रों के लिए अलग-अलग कट-ऑफ माक्स रखे.
उच्च माध्यमिक की तुलना में सीबीएसइ व आइएससी के छात्रों के लिए उच्च अंकों का कट ऑफ रखा गया. कुछ कॉलेजों का दाखिला लेने का अपना ही तरीका है. इस साल उच्च माध्यमिक के छात्र फिजिक्स व केमेस्ट्री में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाये, इसलिए मकाऊट (मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी) के वाइस चांसलर सैकत मित्रा ने यह अपील की कि दाखिला के समय फिजिक्स के अंक न जोड़े जायें. इसके बाद छात्रों को कुछ राहत मिली है.
सियालदह के पास स्थित एक कॉलेज के प्रिंसिपल का कहना है कि सेंट्रल बोर्ड के अंकों का मूल्यांकन अलग रहता है, इस हिसाब से उच्च माध्यमिक के छात्रों को सभी कॉलेजों में रियायत मिलनी चाहिए. कई मामलों में यह भी देखा गया है कि सरकारी स्कूलों के उच्च माध्यमिक के छात्र सीबीएसइ व आइसीएसइ बोर्ड के छात्रों की तुलना में काफी आगे निकल जाते हैं. उनकी प्रतिभा को कमतर करके नहीं देखा जा सकता है. वे अपने हिसाब से काफी मेहनत करते हैं.
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