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स्कूलों में छुट्टी : शिक्षा मंत्री की घोषणा पर बिफरे शिक्षक संगठन
कोलकाता : शनिवार को एक कार्यक्रम में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा दिये गये वक्तव्य पर कई शिक्षक संगठन असहमति व्यक्त कर रहे हैं. संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने स्वयं ही एक अधिसूचना जारी कर आधिकारिक ताैर पर 20 से 30 जून तक सरकारी व सरकारी अनुदान […]
कोलकाता : शनिवार को एक कार्यक्रम में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा दिये गये वक्तव्य पर कई शिक्षक संगठन असहमति व्यक्त कर रहे हैं. संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने स्वयं ही एक अधिसूचना जारी कर आधिकारिक ताैर पर 20 से 30 जून तक सरकारी व सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में गर्मी के चलते छुट्टी रखने की अपील की थी.
इसमें मंत्री ने तो निजी स्कूलों को भी इसी तरह की अपील की थी. अब फिर से इस तरह का बयान देने का कोई मतलब नहीं है कि स्कूल अगर चाहे, तो कक्षाएं स्थगित करने का प्रस्ताव रद्द कर सकते हैं. विभागीय सूचना जारी होने के साथ ही सभी स्कूलों ने छुट्टी की घोषणा कर दी थी. हालांकि हाल ही में गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खोले गये थे. फिर से 20 जून से बंद करने की हिदायत दी गयी.
उल्लेखनीय है कि शनिवार को एक कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि अगर स्कूल आवेदन करते हैं, तो कक्षाओं को स्थगित रखने का प्रस्ताव रद्द किया जा सकता है. मंत्री के इस बयान के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे हैं. इसमें कुछ शिक्षक संगठनों का कहना है कि ऐसा करने से शिक्षा नीति में समानता नहीं रहेगी. ऐसा कैसे संभव है कि कुछ स्कूल खुले रहें व कुछ अपनी कक्षाएं स्थगित रखें. यह तो सरासर स्कूल नीतियों के साथ मजाक है. जो स्कूल आवेदन नहीं करेंगे, इसका मतलब वे बंद रहेंगे. जो आवेदन करेंगे, वहां कक्षाएं चालू रहेंगी, इस तरह का बयान मंत्री को शोभा नहीं देता है.
इस बारे में बंगीय शिक्षक-ओ-शिक्षाकर्मी समिति के सह-सचिव संपन मंडल का कहना है कि ऐसा करने से स्कूल शिक्षा नीति में असमानता का आभास होगा. मंत्री के इस बयान का कोई अर्थ नहीं है. इस तरह का बयान करना आधारहीन है. इस तरह से तो स्कूलों में विभाजन की स्थिति पैदा होगी. वहीं, सेकेंडरी टीचर्स एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि का कहना है कि मंत्री इस तरह के बयान नहीं दे सकते हैं. अगर उन्हें नयी घोषणा करनी है, तो वह अपने कार्यालय से इस तरह की सूचना आधिकारिक रूप से जारी कर सकते हैं. जब पहले उन्होंने भीषण गर्मी के कारण खुद ही 30 जून तक कक्षाएं सभी स्कूलों को स्थगित करने के लिए आदेश दिया, तो फिर से नया बयान क्यों दे रहे हैं.
स्कूल क्यों आगे बढ़ कर कक्षाओं के स्थगन को लेकर या फिर से चालू करने को लेकर आवेदन करेंगे. यह बयान तर्कहीन व बेबुनियाद है. राज्य में वैसे ही तो शिक्षा की स्थिति चरमराई हुई है. इस पर इस तरह के बयान से शिक्षा जगत में कंफ्यूजन की स्थिति पैदा होगी. शिक्षा विभाग की सूचना के बाद कोई सरकारी स्कूल कक्षाओं को फिर से चालू करने के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं. अगर कुछ स्कूल करेंगे भी, तो बाकी स्कूलों का क्या होगा? राज्य के स्कूलों में छुट्टी या पढ़ाई को लेकर फिर समानता की स्थिति भी नहीं रहेगी. यह बयान गलत है.
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