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कोलकाता : आइसीएसइ में कम अंक आने पर की शिकायत
काउंसिल इस बात की जांच करेगी कि शिक्षकों की अक्षमता के कारण कहीं दसवीं के छात्रों के नतीजे में गिरावट तो नहीं आयी कोलकाता : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशंस द्वारा आइसीएसइ परीक्षाएं संचालित होती हैं. आइसीएसइ (10वीं) के नतीजे घोषित हो चुके हैं लेकिन इसमें अंग्रेजी के मूल्यांकन को लेकर कुछ स्कूलों […]
काउंसिल इस बात की जांच करेगी कि शिक्षकों की अक्षमता के कारण कहीं दसवीं के छात्रों के नतीजे में गिरावट तो नहीं आयी
कोलकाता : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशंस द्वारा आइसीएसइ परीक्षाएं संचालित होती हैं. आइसीएसइ (10वीं) के नतीजे घोषित हो चुके हैं लेकिन इसमें अंग्रेजी के मूल्यांकन को लेकर कुछ स्कूलों ने शिकायत की है.
अब काउंसिल इस बात की जांच करेगी कि शिक्षकों की अक्षमता के कारण तो कहीं दसवीं कक्षा के छात्रों के परीक्षा नतीजे में गिरावट नहीं आयी है.
इंगलिश में जितने अंकों के छात्र हकदार थे, उतने उनको नहीं मिले हैं. कई आइसीएसइ स्कूलों के प्रिंसिपलों ने इस तरह की शिकायत की है कि इंगलिश में उनके छात्रों के अंक, उम्मीद से काफी कम आये हैं.
अन्य विषयों में अच्छा पेपर देने के बाद भी एग्रीगेट्स में काफी कम अंक आये हैं. कई प्रिंसिपलों ने काउंसिल से इसका जवाब मांगा है. काउंसिल के एक अधिकारी ने बताया कि आइसीएसइ में उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किस तरह किया गया है, अब इसकी जांच की जायेगी.
जांचने का काम करने वाले शिक्षक योग्य व सक्षम थे कि नहीं, यह भी देखा जायेगा. अगर परीक्षक अयोग्य या अप्रशिक्षित पाये गये, तो इसकी शिकायत प्रिंसिपलों को करते हुए इसका खुलासा मांगा जायेगा.
काउंसिल के अधिकारी का कहना है कि मूल्यांकन की प्रक्रिया की जांच की जायेगी. जो पेपर जांचे गये हैं, उसमें किन शिक्षकों को असाइन किया गया, इस बात से पूरी तस्वीर साफ हो जायेगी. काउंसिल के मुख्य अधिकारी ने बताया कि कुछ स्कूलों ने कई ऐसे शिक्षकों को बोर्ड परीक्षाओें के लिए भेजा था, जो उत्तर-पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने के लिए क्वालीफाइड नहीं हैं.
काउंसिल इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी. वहीं कुछ प्रिंसिपलों का कहना है कि उनके कई छात्रों को अंग्रेजी में काफी कम अंक मिले हैं, जबकि वे पढ़ाई में अच्छे हैं. कक्षा-टेस्ट में उनका नतीजा अच्छा ही निकलता है. परीक्षा में उनको कम अंक मिले हैं.
काउंसिल की वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गयी थी कि केवल ट्रेंड एक्जामिनर ही इस प्रक्रिया में स्कूल की ओर से नियुक्ति किये जायेंगे. ऐसा अनुमान है कि इस क्राइटेरिया को पूरा किये बिना कुछ अन्ट्रेंड एक्जामिनरों ने उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम किया है, इसकी जांच की जायेगी.
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