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मंत्री पर लगाया साजिश रचने का आरोप हाइ कमांड से करेंगे शिकायत : कल्याण घोष कहा : साजिश के तहत मुझे हराया गया जे कुंदन हावड़ा : पंचायत चुनाव में 144 ग्राम पंचायत आैर 14 पंचायत समिति में जीत हासिल कर फिर से अपना परचम लहराने वाली तृणमूल कांग्रेस को बाली-जगाछा पंचायत समिति में करारा […]

मंत्री पर लगाया साजिश रचने का आरोप
हाइ कमांड से करेंगे शिकायत : कल्याण घोष
कहा : साजिश के तहत मुझे हराया गया
जे कुंदन
हावड़ा : पंचायत चुनाव में 144 ग्राम पंचायत आैर 14 पंचायत समिति में जीत हासिल कर फिर से अपना परचम लहराने वाली तृणमूल कांग्रेस को बाली-जगाछा पंचायत समिति में करारा धक्का लगा है. यहां जिला परिषद के 38 नंबर सीट से खड़े तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार कल्याण घोष भारी मतों से पराजित हुए हैं.
उन्हें किसी राजनैतिक दल के उम्मीदवार से नहीं, बल्कि निर्दल प्रत्याशी जमालुद्दीन मल्लिक ने 22 हजार वोटों से हराया. इस सीट पर कांटे की टक्कर शुरू से मानी जा रही थी. हालांकि कल्याण घोष ने इस हार के लिए स्थानीय विधायक व मंत्री राजीव बनर्जी को दोषी बताया है.
श्री घोष ने कहा कि उन्हें एक साजिश के तहत हराया गया है. विधायक ने चुनाव के दिन बाहर के लोगों को यहां बुलाकर जनता को उनको वोट देने नहीं दिया था. चुनाव के दिन यहां आतंक का माहौल था.
उन्होंने कहा : यह सिर्फ मेरी हार नहीं है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आैर तृणमूल कांग्रेस की हार है. मैं पूरी घटना की जानकारी हाइ कमांड को दूंगा आैर उन्हें बताऊंगा कि किस तरह प्लान करके मुझे हराया गया. बताया जाता है कि कल्याण घोष समवाय मंत्री अरूप राय के करीबी हैं.
इसी वजह से उन्हें टिकट दिया गया था, लेकिन बाली-जगाछा ब्लॉक डोमजूर विधानसभा के अंतर्गत आता है आैर यहां के विधायक राजीव बनर्जी हैं. स्थानीय नेताओं का कहना है कि कल्याण घोष को तृणमूल कांग्रेस से टिकट देना स्थानीय विधायक को मंजूर नहीं था. हालांकि मंत्री व विधायक राजीव बनर्जी ने इन सब बातों को गलत आैर बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि पार्टी से बढ़ कर कोई नहीं है. हम सभी एक पार्टी के बैनर तले काम करते हैं. तृणमूल उम्मीदवार की हार हुई है, निश्चित रूप से यह अफसोसजनक है.
हार के पीछे क्या कारण है, इसकी एक जांच की जायेगी. वहीं बाली-जगाछा पंचायत समिति के अध्यक्ष सुभाष राय ने कहा कि पूरे जिले में इतनी बड़ी जीत हासिल करने के बाद यहां तृणमूल प्रत्याशी की हार हो गयी. यह तकलीफ भरा है. आखिर ऐसा क्यों हुआ, इसको लेकर एक बैठक की जायेगी आैर कमियों को दूर किया जायेगा. मालूम रहे कि जमालुद्दीन मल्लिक पुराने तृणमूल कांग्रेस के नेता रह चुके हैं. सत्ता में आने से पहले वर्ष 2008 में जमालुद्दीन यहां पंचायत समिति के सदस्य थे. उन्होंने अपनी जीत का श्रेय यहां की जनता को दिया है.

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