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बिना जानकारी के मोदी ने दिया बयान

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा पर दिये गये बयान पर कहा कि प्रधानमंत्री को बंगाल के भाजपा नेताओं ने जो जानकारी दी है, उनकी बातों को सुन कर ही उन्होंने बंगाल के खिलाफ बयान दे दिया. बयान देने से पहले उनको राज्य सरकार […]

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा पर दिये गये बयान पर कहा कि प्रधानमंत्री को बंगाल के भाजपा नेताओं ने जो जानकारी दी है, उनकी बातों को सुन कर ही उन्होंने बंगाल के खिलाफ बयान दे दिया. बयान देने से पहले उनको राज्य सरकार से रिपोर्ट लेनी चाहिए थी, क्योंकि बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में 13 लोगों की मौत हुई है और इनमें से 10 लोग हमारी पार्टी के समर्थक थे. इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिंसा किसने फैलायी.

उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में लोगों की मौत की घटनाओं से वह काफी दुखी हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को इस प्रकार का बयान शोभा नहीं देता. आखिर बंगाल का इतना अपमान क्यों? राजस्थान, बिहार व उत्तर प्रदेश में भी तो पंचायत चुनाव में हत्याएं होती हैं तो उसकी चर्चा क्यों नहीं होती. वहीं, पंचायत चुनाव में हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट तलब की घटना पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान हुई छिट-पुट घटना को लेकर भी गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब किया है. ऐसा क्याें, यह उनकी समझ के बाहर है.

हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों को दिया जायेगा मुआवजा : पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में मारे गये लोगों को राज्य सरकार की ओर से आर्थिक मुआवजा दिया जायेगा. इसकी जानकारी गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय के बाहर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दी. हालांकि, उन्होंने मुआवजा राशि की घोषणा नहीं की. उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य चुनाव आयोग व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की जायेगी और उसके बाद मुआवजा तय किया जायेगा. हिंसा में जितने भी लोग मरे हैं, चाहे वह किसी भी पार्टी के हों, सभी के परिजनों को मुआवजा दिया जायेगा.
पंचायत चुनाव में बाहर के राज्यों से लाये गये रुपये : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के झारखंड सीमा व बांग्लादेश से सटे जिलों में बाहर से लोगों को लाया गया था. सिर्फ लोग ही नहीं, बल्कि असम व झारखंड के रास्ते यहां रुपये भी लाये गये थे.
राज्य पुलिस ने कई स्थानों पर नकद के साथ कई लोगों को गिरफ्तार किया था. बाहर से लोगों को लाकर यहां हिंसा फैलायी गयी. त्रिपुरा विधानसभा चुनाव ने हमारी आंखें खोल दी हैं. त्रिपुरा की भांति बंगाल के पंचायत चुनाव के लिए भी बाहर से रुपये लाये गये थे. वहीं, कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के परिणाम से एक बात तो साफ हो गयी है, वह अब कहीं की नहीं रही. मुर्शिदाबाद, मालदा व उत्तर दिनाजपुर जिले में भी कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है.

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