बंगाल से बाहर तृणमूल के सिर्फ एक उम्मीदवार ने बचायी लाज
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षा इस चुनाव में धरी की धरी रह गयी, क्योंकि तृणमूल ने पश्चिम बंगाल से बाहर जो 46 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, उनमें से 45 की जमानत तक जब्त हो गयी. झारखंड के लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से तृणमूल उम्मीदवार चमरा लिंडा ही एकमात्र खुशकिस्मत रहे, जो अपनी जमानत बचाने में सफल रहे.
लोकसभा चुनाव लड़नेवाले प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव आयोग के पास 25 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी पड़ती है. अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवारों को 12,500 रुपये देने होते हैं. अगर कोई उम्मीदवार कुल वैध मतों का 1/6 हासिल करने में सफल नहीं हो पाता है, तो वैसी स्थिति में उसकी जमा राशि जब्त हो जाती है. इसमें नोटा मतों को नहीं जोड़ा जाता है.
एक को छोड़ कर तृणमूल के अन्य सभी 45 उम्मीदवार अपने-अपने इलाके में वैध मतों का 1/6 वोट हासिल करने में सफल नहीं हो पाये. कुछ तृणमूल उम्मीदवारों ने तो कम वोट हासिल करने का रिकॉर्ड तक बना डाला. इस तालिका में बीते जमाने के स्टार अभिनेता विश्वजीत चटर्जी भी हैं. नयी दिल्ली लोकसभा सीट से तृणमूल उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़नेवाले विश्वजीत केवल 909 वोट ही हासिल कर पाये.
वहीं दक्षिण दिल्ली से तृणमूल उम्मीदवार श्रीरूपा मित्र चौधरी को केवल 803 वोट मिले. उत्तर-पूर्व दिल्ली सीट से तृणमूल उम्मीदवार मो आरिफ सिद्दिकी की झोली में तो केवल 784 वोट ही गिरे. चांदनी चौक में तृणमूल को 3531 व पूर्व दिल्ली सीट से पार्टी को 3894 वोट मिले.
केरल में भी पार्टी का हाल ऐसा ही रहा. तृणमूल ने केरल में तीन उम्मीदवारों को उतारा था. केरल के पलक्कड़ क्षेत्र से तृणमूल को 828, कसारागोड़ सीट से 632 व पठानमथिता क्षेत्र में 1236 वोट ही मिले.
त्रिपुरा में हालत कुछ ठीक रही. त्रिपुरा पूर्व सीट से तृणमूल उम्मीदवार को 77028 वोट त्रिपुरा पश्चिम सीट से 117727 वोट मिले. तृणमूल ने उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित राय बरेली सीट से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अंजु सिंह को मैदान में उतारा था. पर तृणमूल उम्मीदवार यहां से केवल 3507 वोट ही हासिल कर पायीं.
वाराणसी में नरेंद्र मोदी व अरविंद केजरीवाल को टक्कर देने के लिए तृणमूल ने इंदिरा तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया था. उन्हें मात्र 2674 वोट ही मिले.
अन्य राज्यों में तृणमूल के टिकट पर चुनाव लड़नेवाले उम्मीदवारों ने यही कहानी दोहरायी. पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 13, असम में नौ, दिल्ली व झारखंड में पांच-पांच, केरल में तीन, त्रिपुरा व मणिपुर में दो-दो और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गोवा, ओड़िशा व अंडमान-निकोबार द्वीप में एक-एक उम्मीदवार को खड़ा किया था.