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बंगाल : मुख्यमंत्री के विकास को चुनौती देने के लिए एकजुट हो गये हैं विरोधी : पार्थ चटर्जी

कहा : बंगाल की राजनीतिक विरासत को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं विरोधी कोलकाता : कलकत्ता प्रेस क्लब की ओर से पंचायत चुनाव के पूर्व ‘प्रेस से मिलिये’ कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर भयभीत विरोधी दल अपने राजनीतिक आदर्श को भूल ममता बनर्जी […]

कहा : बंगाल की राजनीतिक विरासत को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं विरोधी
कोलकाता : कलकत्ता प्रेस क्लब की ओर से पंचायत चुनाव के पूर्व ‘प्रेस से मिलिये’ कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर भयभीत विरोधी दल अपने राजनीतिक आदर्श को भूल ममता बनर्जी के विकास को चुनौती देने की साजिश कर रहे हैं.
इससे तृणमूल कांग्रेस थोड़ा भी भयभीत नहीं है, क्योंकि वह लोग आमलोगों की इच्छा के आगे पराजित हुए हैं.उन्होंने कहा कि बंगाल में एक एेसी पार्टी की सरकार है, जिसकी मुख्यमंत्री पिछले सात सालों में राज्य के सभी जिलों में दौरा करके कम से कम एक हजार से ज्यादा सभा कर चुकी हैं, जिसका एक मात्र मकसद है जिलों का विकास करना.
पार्थ ने कहा : मैंने अपने इतने साल के जीवन में ऐसा मुख्यमंत्री नहीं देखा, जो लोगों के विकास के लिए इस कदर समर्पित हो. इस बात को बंगाल के लोग जानते हैं और मानते भी हैं कि ममता बनर्जी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं और वह जिलों के विकास के लिए कम से कम 10 बार हर जिलों में गयी हैं, ताकि जिलों में हुए विकास की जमीनी सच्चाई वह देख सकें, लेकिन पिछले कुछ दिनों से राज्य की राजनीति में एक नयी धारा देखने को मिल रही है. विरोध के नवागत लोग सामान्य कारणों से हंगामा करने के राजनीति कर रहे हैं. यह लोग बंगाल की राजनीतिक विरासत को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. वह लोग बंगाल की राजनीति को कुभाषा और अपसंस्कृति से कलुषित करने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इसमें सबसे दुखद बात यह है कि इतने सालों तक जो लोग बंगाल की सत्ता में थे, वह इस नवागत राजनीति करने आये लोगों को कभी खुलकर तो कभी पर्दे के पीछे से उसका लाभ उठा रहे हैं.
कुल मिलाकर ममता बनर्जी के विकास को चुनौती देने के लिए हमलाबाज, दंगाबाज और भावताबाज ( झूठावादा करने वाले) लोग एक हुए हैं. इसके खिलाफ हमलोगों ने पंचायत चुनाव के मार्फत लोगों को अपने विकास कार्यों से अवगत करना चाहते हैं, ताकि समाज को धर्म के नाम पर बांटनेवालों को मुंह तोड़ जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने राज्य में विकास और सांस्कृतिक एकता का जो माहौल बनाया है उसे बरकरार रखा जाये.
चुनाव को लेकर हो रही हिंसा की घटना पर पूछे गए एक सवाल के जबाब में श्री चटर्जी ने कहा कि छिटपुट घटनाओं से पूरे प्रदेश के कानून व्यवस्था को नहीं आंका जा सकता है. इस तरह की घटनाओं की तुलना उन्होंने कश्मीर से करते हुए कहा कि वहां भी इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, इसका मतलब क्या पूरा प्रदेश अशांत है.
इसके साथ ही उन्होंने विरोधी दलों को सकारात्मक राजनीति करने की नसीहत देते हुए कहा कि प्रदेश की जनता ममता बनर्जी को जानती है और उनके विकास की धारा को देख रही है, इसलिए जनता क्या चाहती है यह सबको पता. रहा सवाल चुनाव का तो तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही जनता के बीच रहती आयी है और वह लोगों की नब्ज को भली भांती समझती है.

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