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पंचायत चुनाव को लेकर आयोग से फिर टकरायी भाजपा
कोलकाता : पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के साथ भाजपा का शनिवार को भी हाइ वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. आयोग के साथ बैठक करने पहुंचे पांच सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने आयोग के परिसर में घुसने नहीं दिया. लिहाजा भाजपा ने हाइकोर्ट की दरवाजा खटखटाया. बाद में आयोग की ओर से भाजपा नेताओं […]
कोलकाता : पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग के साथ भाजपा का शनिवार को भी हाइ वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. आयोग के साथ बैठक करने पहुंचे पांच सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल को पुलिस ने आयोग के परिसर में घुसने नहीं दिया. लिहाजा भाजपा ने हाइकोर्ट की दरवाजा खटखटाया. बाद में आयोग की ओर से भाजपा नेताओं को फिर से आमंत्रित किया गया.
देर शाम मुकुल राय व प्रताप बनर्जी जाकर बैठक कर अपनी बात रखी. राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर में पंचायत चुनाव को लेकर सर्वदलीय बैठक होनेवाली थी. लेकिन भाजपा बैठक में मौजूद नहीं थी. भाजपा का आरोप है कि राज्य सरकार की पुलिस ने सीएम के इशारे पर उन्हें आयोग के दफ्तर में घुसने नहीं दिया.
इस तरह उन्होंने कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है. इसके खिलाफ भाजपा ने हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार से मिलकर शिकायत दर्ज करायी है.
अदालत के आदेश के बाद आयोग ने बैठक बुलाया था. इसमें सभी पार्टियों की ओर से दो-दो प्रतिनिधियों को बैठक में शामिल रहने को कहा गया था. लेकिन मुकुल राय का दावा है कि उनलोगों ने आयोग को पहले ही कहा था कि उनकी पार्टी की ओर से पांच प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेंगे. लिहाजा पहले से तय कार्यक्रम के तहत एक वकील के साथ पांच भाजपा नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल होने के लिए गया.
लेकिन पुलिस ने दो लोग से ज्यादा लोग को अंदर जाने से रोक दिया. इससे नाराज मुकुल राय, प्रताप बनर्जी और शमिक भट्टाचार्य के अलावा जयप्रकाश मजूमदार ने हाइकोर्ट पहुंचकर वहां पर रजिस्ट्रार से शिकायत दर्ज कराये.
मुकुल राय ने कहा कि बीते दिन कलकत्ता हाइकोर्ट ने आयोग को कहा था कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को जारी रखने और नामांकन की तिथि बढ़ाने के लिए वह अदालत में मुकदमा करनेवाली पार्टियों के साथ बैठक कर निर्णय ले. चूंकि भाजपा इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता थी, इसलिए सुबह भाजपा दफ्तर के साथ राज्य चुनाव आयोग की बात हुई थी.
भाजपा की ओर से कहा गया था कि उनका पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बैठक में हिस्सा लेगा. लेकिन वहां पर हमारे साथ जो बर्ताव किया गया, वह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है.
दोबारा राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे भाजपा नेता मुकुल राय ने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग से कहा है कि आप चुनाव कभी भी करा सकते हैं. हमें कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सुरक्षा प्रदान करें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एक ही दिन में चुनाव संपन्न कराना चाहती है.
इस पर भाजपा ने कहा कि अगर राज्य के 58 हजार बूथों पर पुलिस की व्यवस्था करने में अगर आयोग सक्षम है, तो वह करे. अगर नहीं, तो वह बाहर से पुलिस या फिर केंद्रीय बल बुलाये.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रचारित किया जा रहा है कि 23 अप्रैल को नामांकन होगा. लेकिन आयोग ने बताया कि इस तरह की कोई घोषणा उनके तरफ से नहीं हुई है. यह तय है कि राज्य सरकार चुनाव की घोषणा कर सकती है. यह उसके अधिकार क्षेत्र में आता है, लेकिन चुनाव कब होगा. कैसे होगा, उसकी तिथि क्या होगी.
यह सब तय करने का काम चुनाव आयोग का है. लिहाजा आयोग की तरफ से उन्हें बताया गया कि सोमवार को राज्य सरकार से बात करके अगली घोषणा की जायेगी.
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