जे कुंदन हावड़ा : करीब आधे किलोमीटर की दूरी पर राज्य सचिवालय, पास में चकाचौंध फोरशोर रोड, आलीशान शॉपिंग मॉल आैर उसके ठीक पास कोयला डिपो बस्ती, जहां के लोगों को आजादी के सात दशक बाद भी पीने का पानी तक नसीब नहीं था, लेकिन आखिरकार सरकार की नजर यहां के लोगों पर पड़ी आैर […]
जे कुंदन
हावड़ा : करीब आधे किलोमीटर की दूरी पर राज्य सचिवालय, पास में चकाचौंध फोरशोर रोड, आलीशान शॉपिंग मॉल आैर उसके ठीक पास कोयला डिपो बस्ती, जहां के लोगों को आजादी के सात दशक बाद भी पीने का पानी तक नसीब नहीं था, लेकिन आखिरकार सरकार की नजर यहां के लोगों पर पड़ी आैर स्थानीय पार्षद की पहल से इनलोगों को अब पानी मिल रहा है. ये हालात नगर निगम के अंतर्गत आनेवाले वार्ड 35 के हैं. साथ ही करीब दो दशक बीतने के साथ कोयला डिपो इलाके में पक्की सड़क भी बनायी गयी.
आखिरकार, तमाम उलझनों को सुलझाते हुए सांसद कोटे से 730 मीटर लंबी सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो गया आैर नगर निगम की कोशिश से कोयला डिपो से पानी की पाइप लाइन जोड़ी गयी. आरएनआरसी घाट रोड से पानी की पाइप को कोयला डिपो में जोड़ा गया है. पेयजल सुविधा यहां शुरू हो गयी है. चार नल के प्वांइट लगाये गये हैं.
पक्की सड़क आैर पानी मिलने से बस्तीवासियों के बीच खुशी हैं. बस्तीवासियों का कहना है कि निगम चुनाव के पहले सारे प्रत्याशी हमसबों से पानी आैर सड़क बनाने का वायदा कर वोट मांगते थे. न जाने कितने चुनाव बीत गये, लेकिन किसी ने अब तक यह काम नहीं किया था. वार्ड नंबर 35 हिंदी बहुल्य क्षेत्र है. कोयला डिपो की कुल आबादी करीब 6000 के आस-पास है, जबकि मतदाता 2500 हैं.
पार्षद विनय सिंह ने बताया : 20 साल पहले कोयला डिपो में सड़क बनी थी. इसके बाद मरमम्त तक नहीं हुई. बारिश के दिनों में हालत बहुत बदतर थी. सांसद कोटे से मैंने सड़क का निर्माण करवाया. 70 लाख की लागत से 730 मीटर लंबी आैर सात मीटर चौड़ी इस सड़क को बनाया गया है. पेयजल सुविधा भी यहां नहीं थी. अथक प्रयास के बाद पानी की पाइप लाइन को कोयला डिपो से जोड़ दिया गया. चूंकि कोयला डिपो में नगर निगम के अलावा रेलवे आैर पोर्ट ट्रस्ट की भी जमीन है. कई तकनीकी समस्यायों का सामना करना पड़ा. चार नल के प्वांइट लगाये गये हैं.
पार्षद की कोशिश रंग लायी. कोयला डिपो में पक्की सड़क बनेगा आैर पेयजल सुविधा भी शुरू होगी, यह सपने जैसा था, लेकिन अंतत हमलोगों का सपना पूरा हुआ.
मनोज मिश्रा, ट्रांसपोर्टर
सुनने में आया था कि 20 साल पहले सड़क बनायी गयी थी लेकिन मुझे याद नहीं है. जब से होश संभाला, तब से यहां की सड़कें टूटी हुई हैं. निगम चुनाव के पहले सड़क बनवा देने आैर पानी की सुविधा शुरू करने का भाषण जरूर सुनता था. करीब तीन से चार चुनाव बीत जाने के बाद अब सड़क बनी है आैर पानी भी मिल रहा है.
मानिक चंद्र साव, स्थानीय निवासी.