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डिलिवरी पार्टनर बन महिलाओं को नयी राह दिखा रही हैं पियाली

कोलकाता : आजकल महिलाएं और लड़कियां भी हर क्षेत्र में पुरुषों को कड़ी टक्कर दे रही हैं. उन्होंने घर की चार दिवारी से निकलकर स्वावलंबन और आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. कोलकाता के पिकनिक गार्डन की रहनेवाली पियाली दास, ऊबर इट्स की डिलिवरी पाटर्नर के रूप में कोलकाता में […]

कोलकाता : आजकल महिलाएं और लड़कियां भी हर क्षेत्र में पुरुषों को कड़ी टक्कर दे रही हैं. उन्होंने घर की चार दिवारी से निकलकर स्वावलंबन और आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है. कोलकाता के पिकनिक गार्डन की रहनेवाली पियाली दास, ऊबर इट्स की डिलिवरी पाटर्नर के रूप में कोलकाता में महिला अधिकारों की नयी इबारत लिखती नजर आ रही हैं.
हालांकि पारिवारिक जिम्मेवारी को निभाते हुए यह जिम्मेदारी निभाना आसान नहीं है, लेकिन वह इसे चुनौती दे रही हैं और ‘जहां चाह वहां राह’ की कहावत को सच कर दिखा रही हैं. साथ ही महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए वह इस राह में अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही हैं. बुधवार को ऊबर इट्स एप के माध्यम से खाना मंगानेवाली सेवा का कोलकाता में शुभारंभ हुआ. इससे कोलकाता के लगभग 250 रेस्तरां जुड़े हैं. आरंभ में कोलकाता के कुछ इलाकों पार्क स्ट्रीट, जादवपुर, भवानीपुर, गरियाहाट, न्यू अलीपुर व टालीगंज में यह सेवा शुरू की गयी है, लेकिन शीघ्र ही पूरे कोलकाता में यह सेवा उपलब्ध हो जायेगी.
पियाली दास ऊबर इट्स की पहली महिला डिलिवरी पार्टनर बनी हैं. पियाली दास बताती हैं कि मेरे पति धीमान दास ऊबर में ड्राइवर पार्टनर हैं तथा उनसे प्रभावित होकर ही मैंने ऊबर इट्स की महिला डिलिवरी पार्टनर के रूप में काम करना शुरू किया है. इसके लिए मैंने सात दिनों का प्रशिक्षण भी लिया है. यह मेरा सौभाग्य है कि मैं पहली महिला हूं, जो ऊबर इट्स की डिलिवरी पार्टनर बनी हूं. मेरा एक आठ ‍वर्ष का बेटा है. वह अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ता है. समय के साथ जरूरतें बढ़ रही हैं और आजकल पढ़ाई का खर्च भी बहुत ज्यादा है. जरूरत को पूरा करने व आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए मैंने यह पेशा चुना है और इसमें काम करके बहुत ही अानंद आ रहा है. चूंकि मैं पिछले लगभग 11 साल से स्कूटी चला रही हूं, इस कारण मुझे कोई असुविधा नहीं होती है.
मुझे कहीं भी जाने में डर नहीं लगता
यह पूछे जाने पर कि क्या अकेले किसी अनजान के घर में जाकर डिलिवरी देने में डर नहीं लगता तो पियाली दास ने बताया कि उन्हें कहीं भी जाने में डर नहीं लगता है और वह बिना किसी हिचक का काम कर रही हैं. उन्हें उम्मीद है कि उन्हें देख कर और भी महिलाएं इस क्षेत्र में आगे आयेंगी. इसमें सबसे बड़ी बात है कि काम करने की आजादी है, जब इच्छा होती है, तो काम करती हूं और जब परिवार को समय देना रहता है, तो परिवार को समय देती हूं.
डिलीवरी पार्टनर की सुरक्षा की पूरी व्यवस्था करेगी ऊबर इट्स
भारत में ऊबर इट्स के प्रमुख भाविक राठौड़ का कहना है कि उन लोगों ने कोलकाता में अपनी सेवाएं शुरू की हैं. ऊबर कोलकाता में काफी सफल रहा है. यह शहर अपने तरह-तरह के खाने, मिठाइयां, स्ट्रीट फूड आदि के लिए जाना जाता है. पियाली उन लोगों की कोलकाता में पहली महिला डिलिवरी पार्टनर हैं. उम्मीद है और भी महिलाएं इस क्षेत्र में आगे आयेंगी.
महिला डिलिवरी पार्टनर की सुरक्षा के संबंध में पूछे जाने पर श्री राठौर ने बताया कि वे लोग महिला डिलिवरी पार्टनर की सुरक्षा के पहलु को ध्यान में रखे हुए हैं. ऊबर इट्स एप में सुरक्षा के पहलुओं का समावेश किया गया है तथा आपातकाल के लिए बटन हैं, जिन्हें दबाने पर ऊबर के कार्यालय में सूचना पहुंच जायेगी तथा जरूरत पड़ने पर ऊबर की ओर से तत्काल सहायता उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था है. विशेष परिस्थिति पर पुलिस की मदद भी ली जायेगी.

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