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कोलकाता : डकैत कोई और नहीं, दामाद ही निकला

चोरी के आठ लाख से अधिक रुपये मिले दामाद को घर का रखवाला बना कर घूमने गये थे ससुरालवाले कोलकाता : ससुराल में 10 लाख 68 हजार रुपये नकदी के साथ बेशकीमती गहनों की डकैती की घटना में पुलिस ने आखिरकार दामाद वीरेन चौधरी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी दामाद शुरू से ही शक के […]

चोरी के आठ लाख से अधिक रुपये मिले
दामाद को घर का रखवाला बना कर घूमने गये थे ससुरालवाले
कोलकाता : ससुराल में 10 लाख 68 हजार रुपये नकदी के साथ बेशकीमती गहनों की डकैती की घटना में पुलिस ने आखिरकार दामाद वीरेन चौधरी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी दामाद शुरू से ही शक के घेरे में था.
पूछताछ में आरोपी के बयान से पुलिस असंतुष्ट थी. घटना के चौथे दिन पुलिस की कड़ी पूछताछ में वह टूट गया आैर गुनाह कबूल कर लिया. गुरुवार को उसे हावड़ा अदालत में पेश किया गया. न्यायाधीश ने उसे चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा है. पुलिस अब तक आरोपी के पास से आठ लाख से अधिक नकद बरामद कर चुकी है. बाकी नकद आैर गहनों की तलाशी की जा रही है. एसीपी (उत्तर) राहुल दे ने कहा कि पूरी घटना की साजिश दामाद ने ही रची थी.
मौसम ने नहीं दिया साथ
आरोपी दामाद ने पुलिस को बयान दिया कि रात दो बजे बिजली गुल हो गयी थी. गरमी लगने के कारण वह मकान का मुख्य दरवाजा खोलकर बाहर निकला. दरवाजा खोलते ही छह डकैत उसे हथियार की नोक पर लेकर घर के अंदर घुसे. उसका मुंह गमछे से बांध दिया. आलमारी के लॉकर से 10.68 लाख रुपये, हीरे की अंगूठी, सोने व चांदी के गहने लेकर भाग गये. भागने के पहले गमछे को खोल दिया. पुलिस ने आरोपी से पूछा कि रात दो बजे मुख्य दरवाजा खोलने की क्या जरूरत थी.
आरोपी ने कहा कि बिजली चली गयी थी आैर गरमी लगने के कारण वह बाहर निकल गया. पुलिस ने आरोपी से कहा कि रविवार देर शाम बारिश हुई थी. मौसम ठंड था. ऐसे में गरमी लगने का सवाल ही नहीं. पुलिस ने पूछा कि डकैत भागने के पहले मुंह में बंधा हुआ गमछा आखिर क्यों खोल कर गये. इसका भी सटीक जवाब पुलिस को नहीं मिला. लगातार चार दिनों की पूछताछ के बाद आरोपी ने कबूल लिया कि उसने ही साजिश रची थी. सारे रुपये आैर गहने उसके पास है.
ससुर सुभाष बारूई की दो बेटियां हैं. बेटा नहीं होने पर दोनों दामाद बेहद प्यारा है. ससुर ने अपने ही घर के पास दोनों बेटियों को दो मंजिला मकान बनवा दिया है. आरोपी दामाद का होजियारी कारखाना है. दोनों बेटियों के बीच पिता की जायदाद को लेकर एक अंररूनी लड़ाई है. इसी लालच में आकर वीरेन ने पूरी घटना की साजिश रची. वारदात को अंजाम देने के पहले उसने आलमारी के लॉकर में रखे सारे रुपये आैर गहने की चोरी की आैर अपने कारखाने में छुपा कर रखा.
रविवार देर रात उसने मेन स्वीच खुद ऑफ किया. अपने से गमछा मुंह में बांधा. किसी को शक नहीं हो, इसके लिए उसने मकान का मुख्य दरवाजा बाहर से बंद किया. यह इतना आसान नहीं था लेकिन उसने मकान के अंदर ही रहकर मुख्य दरवाजे को बाहर से बंद किया. उसने बताया कि उसे रुपयों की बहुत जरूरत थी, इसलिए उसने ऐसा किया.
ससुर सुभाष बारूई पूरे परिवार के साथ घूमने गये थे. साथ में बेटी भी थी. घर खाली नहीं रहे, इसीलिए घर पर रहने की जिम्मेवारी दामाद को सौंपी थी. दामाद को मालूम था कि आलमारी के लॉकर में लाखों रुपये हैं. पिछले दिनों ही ससुर ने एक जमीन बेची थी. इसके एवज में 10.68 लाख रुपये मिले थे. सोमवार तड़के पड़ोसियों ने वीरेन के चिल्लाने की आवाज सुनी.
स्थानीय लोगों ने देखा कि मुख्य दरवाजा बाहर से बंद है. पड़ोसी भी हैरान थे कि इतनी बड़ी घटना घट गयी आैर किसी को भनक तक नहीं लगी. पड़ोसी दरवाजा खोलकर अंदर गये. दामाद का हाथ-पैर बंधा था. उसने पड़ोसियों से कहा कि छह से सात डकैतों ने नकद आैर गहने लूट कर भाग निकले. मौके पर पुलिस पहुंची. घटना की जांच शुरू हुई.

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