केसरिया गुलाल और मिठाई का डब्बा लेकर सुबह 11 बजे ही पार्टी दफ्तर पहुंचे थे मुकुल राय
त्रिपुरा से खबर आते ही पार्टी दफ्तर के सामने होली का माहौल बन गया
कोलकाता : त्रिपुरा में भाजपा की जीत का जश्न बंगाल में भी पार्टी के समर्थकों ने मनाया. पार्टी मुख्यालय के बाहर समर्थक व कार्यकर्ताओं का हुजूम देखने को मिला.
भाजपा की जीत के प्रति आश्वस्त मुकुल राय सुबह 11 बजे ही पार्टी दफ्तर पहुंच गये. उस वक्त वहां बहुत कम कार्यकर्ता थे. उनके हाथ में केसरिया रंग का गुलाल और मिठाई का डब्बा था. हालांकि कोई गुलाल खेल नहीं रहा था, क्योंकि सबको बिहार चुनाव का अनुभव याद था. इन सबके बीच मुकुल राय ने त्रिपुरा में किसी से बात की, जिसके बाद उनका चेहरा खिल उठा. इसके बाद उन्होंने मौजूद समर्थकों को बुलाया और उनके हाथ से गुलाल लेकर हवा में लहरा दिया.
इसके बाद तो पार्टी दफ्तर के सामने होली का माहौल बन गया. एक एक करके भाजपा नेताओं का पार्टी दफ्तर आने का सिलसिला शुरू हो गया. दिलीप घोष, लॉकेट चटर्जी , देवश्री चौधरी, प्रताप बनर्जी, सुब्रत चटर्जी आदि पहुंचे. सारे नेता केसरिया रंग में सराबोर हो गए. प्रदेश भाजपा की महासचिव देवश्री चौधरी के मुताबिक प्रधानमंत्री के कहने पर त्रिपुरा के मतदाताओं ने माणिक की जगह हीरा चुना हैं.
पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा की जीत पर हावड़ा में निकला विजय जुलूस
हावड़ा. त्रिपुरा आैर नगालैंड में भाजपा की जीत पर हावड़ा बस स्टैंड के निकट भाजयुमो के प्रदेश उपाध्यक्ष उमेश राय के नेतृत्व में एक जुलूस निकाला गया. इस दौरान आतिशबाजी भी की गयी. भाजपा कायकर्ताओं ने ढोल- नगाड़े बजाकर एक दूसरे को मिठाइयां खिलायीं. इस मौके पर आनंद सोनकर, विशाल जायसवाल, अवधेश साव, सुरेंद्र जैन, राजेश राय, बिट्टू प्रसाद, रवि साव, विमल प्रसाद, विशाल सिंह, रमेश राय, विनोद जायसवाल सहित अन्य उपस्थित थे.
बेलगछिया में भी भाजपा ने निकाला जुलूस
कोलकाता. बेलगछिया विधानसभा केंद्र में वार्ड नंबर तीन, पांच और छह के भाजपा समर्थक सैकड़ों की तादाद में बाजे-गाजे के साथ जुलूस निकाल कर अपनी जीत का जश्न मनाने सड़कों पर उतर गये. इस विधानसभा केंद्र से भाजपा के उम्मीदवार रहे आदित्य टंडन ने जुलूस का नेतृत्व किया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा केंद्र का भ्रमण कर मतदाताओं से अपील की कि वे लोग त्रिपुरा की जनता से सीख लें और मतदान केंद्रों में जाकर अपने मतों का खुद प्रयोग करें. इस मौके पर आदित्य टंडन ने कहा कि बंगाल के हालात त्रिपुरा से अलग नहीं हैं. इसलिए जिस तरह वहां पर परिवर्तन हुआ है, उसी तरह यहां भी परिवर्तन होगा चाहिए.