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मिशनरीज स्कूलों में डांस, फिजिकल ट्रेनिंग के लिए नहीं रखे जायेंगे पुरुष शिक्षक
एसोसिएशन ऑफ क्रिश्चियन स्कूल्स ने विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल व शिक्षाविदों के साथ की बैठक कोलकाता : हाल ही में बच्चियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद मिशनरीज स्कूलों में कड़े कदम उठाये जा रहे हैं. कुछ मिशनरी स्कूलों के संस्थापकों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से न केवल […]
एसोसिएशन ऑफ क्रिश्चियन स्कूल्स ने विभिन्न स्कूलों के प्रिंसिपल व शिक्षाविदों के साथ की बैठक
कोलकाता : हाल ही में बच्चियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आने के बाद मिशनरीज स्कूलों में कड़े कदम उठाये जा रहे हैं. कुछ मिशनरी स्कूलों के संस्थापकों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं से न केवल स्कूल की छवि खराब होती है बल्कि समाज में एक गलत संदेश भी जाता है.
रविवार को एसोसिएशन ऑफ क्रिश्चियन स्कूल्स की ओर से एक बैठक आयोजित की गयी. इसमें स्कूल कैम्पस में बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षाविदों ने अपने विचार व्यक्त किये.
इस बैठक में फैसला किया गया है कि क्रिश्चियन मिशनरीज द्वारा चलाये जा रहे गर्ल्स स्कूलों में अब डांस, म्यूजिक व फिजिकल ट्रेनिंग के लिए कोई पुरुष शिक्षक की भर्ती नहीं की जायेगी. इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए केवल महिला शिक्षिकाओं की ही भर्ती रहेगी. इन स्कूलों में से किसी में भी अन्य विषयों के लिए कोई पुरुष शिक्षक नहीं है. ज्यादातर स्कूलों में महिला शिक्षिकाएं ही पढ़ा रही हैं. एसोसिएशन ऑफ क्रिश्चियन स्कूल्स के एक सदस्य ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया जा रहा है.
रविवार को एसोसिएशन की ओर से एक आयोजित बैठक में स्कूल कैम्पस में बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे पर एक गंभीर चिंतन किया गया. एक प्रिंसिपल ने बताया कि सभी अभिभावकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपने बच्चों के एकेडमिक सत्र शुरू होने से पहले ट्रांसपोर्ट साधन की व्यवस्था का पूरा विवरण स्कूल में जमा करना दें. अगर सत्र के बीच में ही यातायात का विकल्प अभिभावक बदलते हैं या किसी पूल कार में बच्चों को भेजते हैं तो इसकी भी सूचना स्कूल प्रशासन को देनी होगी.
अगर वे इसकी अपडेट सूचना आधिकारिक ताैर पर स्कूल में नहीं देते हैं तो भविष्य में किसी भी घटना के लिए स्कूल जिम्मेदार नहीं होगा. क्रिश्चियन मिशनरीज स्कूलों की संस्थापक समितियों को एक अधिसूचना जारी करने के बाद इस फैसले को लागू किया जायेगा. बैठक में सुरक्षा इंतजामों पर चर्चा करने के बाद इस बात पर सहमति बनी कि लड़कियों को डांस, म्यूजिक व पीटी सिखाने के लिए पुरुष ट्रेनर नहीं होने चाहिए. इसके लिए एसोसिएशन एक अधिसूचना भी जल्दी जारी करेगा. इस तरह के परामर्श सभी स्कूलों को दिये जा रहे हैं. अब यह व्यक्तिगत ताैर पर स्कूलों पर निर्भर है कि वे इस तरह का बदलाव स्कूल में अपनायेंगे कि नहीं.
हालांकि एसोसिसएशन के तत्वावधान में चल रहे स्कूल कभी भी एसोसिएशन की बात को टालते नहीं हैं.बंगाल के मिशनरीज स्कूल अब अभिभावकों के साथ ज्यादा से ज्यादा संवाद रखना चाहते हैं, ताकि दोनों के बीच संबंध मधुर बना रहे. पैरेंट्स अपने बच्चों के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक बनें. हाल ही की घटना के बाद मिशनरीज स्कूल काफी कड़ा कदम उठा रहे हैं. साथ ही स्कूलों में सेंसेटाइजेशन कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं.
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