कोलकाता : भाजपा में शामिल होने के बाद महज एक कार्यकर्ता की हैसियत रखनेवाले मुकुल राय को पहली बार आधिकारिक रूप से शनिवार को मर्यादा देते हुए पार्टी ने उनके हाथों में पंचायत चुनाव की कमान थमा दी है. महानगर के नेशनल लाइब्रेरी सभागार में आयोजित पार्टी पदाधिकारियों की सभा में केंद्रीय पर्यवेक्षक कैलाश विजयवर्गीय और श्रीप्रकाश सिंह ने राज्य कमेटी और पार्टी के सभी बड़े
पदाधिकारियों की मौजूदगी में पुरानी कमेटी को भंग करते हुए पंचायत चुनाव के लिए नयी कमेटी की घोषणा की. नयी कमेटी की कमान मुकुल राय के हाथ में रहेगी. उल्लेखनीय है कि इसके पहले पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश भाजपा ने 11 सदस्यीय कमेटी बनायी थी. लेकिन मुकुल राय का वे सही इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे. मुकुल राय बीते तीन नबंवर को भाजपा में शामिल तो हो गये थे, लेकिन उन्हें किसी आधिकारिक पद पर अभी तक नहीं रखा गया था.
जबकि तृणमूल कांग्रेस में वोट मैनेजर के रूप में मशहूर मुकुल राय को चाणक्य की उपाधि से लोग नवाजे थे. देर से ही सही भाजपा नेतृत्व को उनका ध्यान आया और उनको पंचायत चुनाव का मुखिया बनाया गया. सही मायने में आधिकारिक रूप से प्रदेश भाजपा में उन्हें कोई जिम्मेदारी दी गयी है. भाजपा इसी बहाने मुकुल राय की सांगठनिक ताकत और उनके चुनाव मैनेजमेंट को देखेगी. अगर नतीजा उत्साहजनक रहा, तो इतना तय है कि साल 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनाव की कमान भी उन्हीं के हाथों में रहेगी. अगर पंचायत चुनाव में नतीजे अच्छे रहे, तो इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव में दिखेगा.
उस वक्त तृणमूल कांग्रेस से नाराज कई सांसद और नेता सीधे भाजपा की झोली में गिरेंगे. लिहाजा यह एक तरह से मुकुल राय के लिए परीक्षा की घड़ी है. फिलहाल उनका अभिषेक तो हो गया.