कोलकाता : राज्य के कुछ निजी इंजीनियरिंग कॉलेज अब अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में जुट गये हैं. अप्रैल में जेइइ की परीक्षा होने के बाद छात्रों को बेहतर इंजीनियरिंग कॉलेजों की तलाश होगी. मेरिट के आधार पर कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले की होड़ लगेगी.
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निजी तकनीकी कॉलेजों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा
कोलकाता : राज्य के कुछ निजी इंजीनियरिंग कॉलेज अब अपना इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में जुट गये हैं. अप्रैल में जेइइ की परीक्षा होने के बाद छात्रों को बेहतर इंजीनियरिंग कॉलेजों की तलाश होगी. मेरिट के आधार पर कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले की होड़ लगेगी. छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कुछ निजी कॉलेज […]
छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कुछ निजी कॉलेज अभी से ही अपना आधारभूत ढांचा मजबूत करने की योजना बना रहे हैं. कई कॉलेजों में नये तकनीकी विभाग खोले जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआइसीटीइ) ने कुछ समय पहले एक चेतावनी दी थी कि छात्रों के लिए उपलब्ध सीटों पर दाखिला सही ढंग से होना चाहिए. काउंसिल की ओर से सूचित किया गया था कि जिन कॉलेजों में एकेडमिक सत्र में ज्यादा सीटें खाली होंगी, उनकी मान्यता रद्द की जायेगी. इस मामले में पश्चिम बंगाल ज्वाइन्ट एन्ट्रेस परीक्षा बोर्ड के एक अधिकारी का कहना है कि एक समय ऐसा था, जब बंगाल के छात्र इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने के लिए काफी उत्सुक रहते थे. इसी अाधार पर निजी तकनीकी संस्थान काफी बढ़ते गये. अब हरेक राज्य में नेशनल इन्सटीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी बन गया है.
अब महत्वाकांक्षी इंजीनियरों की संख्या काफी कम हो रही है. आइआइटी में भी सीटों की संख्या बढ़ायी गयी है. छात्र अब या तो सरकारी कॉलेज में या तो काफी नामी संस्थान में दाखिला लेना चाहते हैं, ताकि उनको अच्छा प्लेसमेंट का माैका मिल सके. यही कारण है कि कई निजी कॉलेजों में सीटें रिक्त रह जाती हैं. अब इन कॉलेजों को अपनी सुविधाएं व विभाग बढ़ाने के लिए कहा गया है. राज्य सरकार ने भी इस बात से आगाह किया था कि अगर कॉलेज में सीटें खाली रहती हैं तो कॉलेजों को चलाने से कोई फायदा नहीं है. इसी साल खुले राज्य के केवल 2 कॉलेज ही सभी सीटों पर दाखिला देने में कामयाब हुए. एआइसीटीइ के नियमानुसार कॉलेज में सीटें रिक्त होने से मान्यता रद्द की जा सकती है. इसी को ध्यान में रख कर अब कॉलेज बेहतरीन सुविधाएं, पर्याप्त शिक्षक व अन्य सुविधाअों के विस्तार की योजना बना रहे हैं.
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