खतरे की घंटी l पांच वर्षों में भारत में कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या हुई दोगुनी
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कोलकाता : बंगाल में कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा
खतरे की घंटी l पांच वर्षों में भारत में कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या हुई दोगुनी कोलकाता : अब तक गरीब व असहाय पीड़ितों की मदद के लिए अमीरों के पास लोग जाते रहे है, लेकिन पहली बार कैंसर से पीड़ितों की मदद के लिए नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (एनएसएच) हावड़ा ने आम आदमी […]
कोलकाता : अब तक गरीब व असहाय पीड़ितों की मदद के लिए अमीरों के पास लोग जाते रहे है, लेकिन पहली बार कैंसर से पीड़ितों की मदद के लिए नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (एनएसएच) हावड़ा ने आम आदमी के पास हाथ बढ़ाया है. कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए एनएसएच हावड़ा ने एक ट्रस्ट बना कर उसमें आम लोगों से ही फंड के तौर पर मदद करने की गुहार लगायी गयी है. बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल हावड़ा के फेसिलिटी डॉयरेक्टर अक्षय ओलेटी ने कहा कि आम आदमी के प्रयास से ही सबकुछ हो सकता है.
उन्होंने कहा कि अब तक कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए नारायणा की ओर से उनके स्टॉफ और डॉक्टर अपने स्तर से फंड व आर्थिक मदद के तौर पर चिकित्सा करते आ रहे हैं. लेकिन अब इसके लिए आम आदमी से भी मदद की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश में कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पिछले पांच वर्षों में भारत में कैंसर के मामले दोगुना हो गये हैं. हालांकि अन्य राज्यों की तुलना में बंगाल में खासकर पुरुषों में माउथ कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा हो रहे है.
मौके पर डॉ सुमन मल्लिक ने कहा कि भारत में प्राय: कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन आर्थिक मदद के अभाव में लोग प्रारंभिक स्टेज से भी नहीं उभर पाते हैं और अंतिम स्टेज तक जाकर दम तोड़ देते है. डॉ ज्योतिरूप गोस्वामी ने कहा कि महिलाओं में उनकी लाइफस्टाइल की वजह से और पुरुषों में तम्बाकू खाने से इस तरह के कैंसर ज्यादा होते है. यूएस में महिलाओं में 90 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखे जाते हैं, जबकि भारत में 66 प्रतिशत.
बंगाल : पुरुषों में ओरल व महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के सबसे ज्यादा मामले
बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल हावड़ा के फेसिलिटी डॉयरेक्टर अक्षय ओलेटी व अन्य.
कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए आम आदमी तक पहुंचा एनएसएच हावड़ा
डॉ विवेक अग्रवाल ने बताया कि कैंसर थेरेपी में बहुत ज्यादा रुपये खर्च होते है. कैंसर में मरीज को देनेवाले एक-एक इंजेक्शन की कीमत 40-50 हजार और एक-लाख से डेढ़ लाख, इससे ज्यादा रुपये के भी हैं. ऐसे में गरीब व आम आदमी प्राइमरी स्टेज में भी इलाज नहीं करवा पाते हैं. इसी उद्देश्य से कैंसर के मरीजों को किस तरह का कैंसर हुआ है? वे कितने गरीब हैं, उनकी क्या स्थिति हैं? इस हिसाब से छूट दिये जाते हैं. जरूरतानुसार फ्री में भी इलाज किये जाते हैं. आर्थिक मदद के लिए एनएसएच हावड़ा ने एक ट्रस्ट तैयार किया गया है. ट्रस्ट की प्रमुख डॉ दिव्या जोहरी ने कहा कि कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए आठ क्राइटेरिया तय किये गये हैं कि वे किस तरह के मरीज हैं और उसी मुताबिक सुविधा का लाभ पायेंगे. उसी मुताबिक मदद की जाती है.
पिछले दो वर्षों में नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल हावड़ा में ओरल कैंसर के आये मामलों में 77 प्रतिशत पुरुषों में और 23 प्रतिशत महिलाओं में ओरल कैंसर पाये गये. ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में कुल 96 प्रतिशत महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर पाया गया.
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