विधानसभा में गूंजा राज्यपाल के पत्र का मुद्दा, पार्थ ने कहा
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अपनी सीमा लांघ रहे राज्यपाल
विधानसभा में गूंजा राज्यपाल के पत्र का मुद्दा, पार्थ ने कहा केंद्र के मुखपत्र के रूप में नजर आ रहे हैं राज्यपाल कोलकाता : राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के मुर्शिदाबाद के जिलाधिकारी को पत्र लिखने का मामला बुधवार को विधानसभा में उठाया गया. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्यपाल पर जम कर हमला बोलते […]
केंद्र के मुखपत्र के रूप में नजर आ रहे हैं राज्यपाल
कोलकाता : राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के मुर्शिदाबाद के जिलाधिकारी को पत्र लिखने का मामला बुधवार को विधानसभा में उठाया गया. राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्यपाल पर जम कर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राज्यपाल अपनी सीमा लांघ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने जिस विषय वस्तु का उल्लेख किया है, वे गंभीर क्षोभ के साथ बोल रहे हैं कि संविधान द्वारा राज्यपाल को अधिकार दिये गये हैं. वह उस अधिकार का उल्लंघन कर रहे हैं. संविधान के दायरे से बाहर जाकर काम कर रहे हैं. राज्यपाल अपने अधिकार से बाहर जाकर केवल केंद्र सरकार के मुखपत्र के रूप में नहीं, बल्कि केंद्र में सत्तारूढ़ दल के मुखपत्र के रूप में बोल रहे हैं. वह इसकी तीव्र निंदा करते हैं. वह राज्यपाल की पद की गरिमा को कलंकित कर रहे हैं. राज्य के लोग राज्यपाल के इस कदम को अगणतांत्रिक, गैर संवैधानिक व अधिकार के बाहर के बोल रहे हैं.
सरकार और राजनीतिक पार्टी एक समान : अशोक भट्टाचार्य
माकपा के विधायक व सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है. उनकी कुछ क्षमता है. वह किन परिस्थितियों में पत्र लिखे हैं. नहीं मालूम, लेकिन त्रिपुरा के राज्यपाल की तसवीर को चुनाव प्रचार में इस्तेमाल किया जा रहा है. वे ट्वीटर में बयानबाजी देते रहते हैं. राज्य में सरकार और पार्टी एक हो गयी है. पहले थाने में मां काली की तस्वीर होती थी. अब मुख्यमंत्री की तस्वीर लगायी जा रही है. उनका मानना है कि सभी को संविधान का पालन करना चाहिए.
संविधान में प्रदत्त अधिकार का राज्यपाल ने किया इस्तेमाल : दिलीप
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष व विधायक दिलीप घोष ने राज्यपाल के जमकर बचाव किया. श्री घोष ने विधानसभा में कहा कि राज्यपाल संविधान के दायरे में पत्र लिखा है.
संविधान की धारा 167 के तहत उन्हें यह अधिकार प्रदान किया गया है. इसके पहले पूर्व राज्यपाल नुरुल हसन व वीरेन जे शाह भी जिलाधिकारियों को पत्र लिखते रहे हैं. वर्तमान राज्यपाल काफी विद्वान हैं.
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