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केंद्रीय बजट की तुलना में राज्य का बजट जनमुखी : अमित

स्वास्थ्य बीमा पर बदल रहे हैं केंद्र सरकार के सुर अब राज्य सरकार से भागीदारी की बात कह रही है कोलकाता : राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय बजट की तुलना में राज्य बजट को ज्यादा जनमुखी करार दिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में केवल आम लोगों को धोखा दिया गया है. […]

स्वास्थ्य बीमा पर बदल रहे हैं केंद्र सरकार के सुर

अब राज्य सरकार से भागीदारी की बात कह रही है
कोलकाता : राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने केंद्रीय बजट की तुलना में राज्य बजट को ज्यादा जनमुखी करार दिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में केवल आम लोगों को धोखा दिया गया है. केंद्रीय बजट में ग्रामीण विकास के लिए 1.84 फीसदी फंड आवंटन किया गया है, जबकि राज्य बजट में इसका परिमाण 13.29 फीसदी है. अल्पसंख्यक मामले में केंद्रीय बजट में (-64) फीसदी है, जबकि राज्य बजट में 6.69 फीसदी, एससी-एसटी में केंद्रीय बजट में 0.01 फीसदी, जबकि राज्य बजट में 7.62 फीसदी है.
केंद्र सरकार ने मनरेगा में पूर्व बजट की तरह ही 55 करोड़ रुपये आवंटित कर रखा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा देने के लिए 2000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि राज्य बजट में स्वास्थ्य सेवा में ही केवल 1300 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. सरकारी अस्पातलों में नि:शुल्क चिकित्सा की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने कहा कि 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा की घोषणा के बाद अब केंद्र सरकार अपना सुर बदल रही है और कह रही है कि 60 फीसदी राज्य सरकार देगी तथा 40 फीसदी केंद्र सरकार देगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले पर राज्य सरकार से कोई विचार नहीं किया है.
कर संग्रह पर पड़ा जीएसटी का प्रभाव
उन्होंने कहा कि जीएसटी की तुलना में राज्य का कर संग्रह वर्ष 15-16 के मुकाबले घट गयी है, हालांकि पश्चिम बंगाल का डिजिटलीकरण होने के कारण अन्य राज्यों की तुलना में कम कमी आयी है. 2015-16 में कर संग्रह 20,089 करोड़ रुपये था. यह बढ़कर 26,107 करोड़ रुपये होना चाहिए था, लेकिन इसमें 589 करोड़ रुपये कम हुई है. जबकि गुजरात में 1132 करोड़, बिहार में 1054 करोड़, कर्नाटक में 2000 करोड़ कम कर संग्रह हुए हैं.
पूंजी खर्च में 28 फीसदी का इजाफा
श्री मित्रा ने कहा कि पिछले वर्ष बजट में पूंजी खर्च के लिए 20 हजार 155 करोड़ रुपये रखे गये थे. इस वर्ष यह 25 करोड़ 755 करोड़ रुपये रखे गये हैं. इसमें 28 फीसदी का इजाफा हुआ है. कुल खर्च बढ़ कर 72,962 करोड़ रुपये हो गये हैं, जो 23 फीसदी अधिक है.

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