कोलकाता: पिछले 29 अप्रैल को दक्षिण 24 परगना के भांगड़ के सोनपुर गांव में फुरफुरा शरीफ के कुछ मुसलिम धर्म गुरुओं पर तृणमूल कर्मियों द्वारा किये गये हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस घटना से नाराज फुरफुरा शरीफ के धर्म गुरुओं ने राज्य की ममता सरकार को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है.
फुरफुरा शरीफ के पीर इब्राहिम सिद्दीकी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि 29 अप्रैल को हम लोग सोनपुर में एक धार्मिक सभा में भाग लेने गये थे. सभा को संबोधित करने के दौरान हम लोगों ने राज्य सरकार द्वारा मुसलमानों से किये गये वादों को पूरा नहीं करने का मुद्दा उठाया, तभी कुछ लोगों ने ममता बनर्जी जिंदाबाद, अराबुल इसलाम जिंदाबाद और तृणमूल कांग्रेस जिंदाबाद का नारा लगाते हुए हमला कर दिया. हम लोग तो किसी तरह बच गये. पर सभा में मौजूद लोगों को हाथों में डंडा, ईंट, पत्थर इत्यादि लिए तृणमूल कर्मियों ने काफी मारा पाटी. बच्चों को भी नहीं बख्शा गया.
श्री सिद्दीकी ने कहा कि ममता बनर्जी ने आलिया मुसलिम विश्वविद्यालय खोलने, दस हजार मदरसों को मंजूरी देने, फुरफुरा शरीफ में ट्रेन लाइन बिछाने, वहां आईटी कॉलेज खोलने, मुसाफिरखाना तैयार करने एवं फुरफुरा शरीफ को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का वादा किया था, पर तीन साल गुजरने के बावजूद इनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया. वह केवल इमाम भत्ता की बात करती हैं. क्या अपने अधिकारी बात करना राजनीति है. हम लोगों ने सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद वाममोरचा सरकार के खिलाफ भी आंदोलन किया था, उस समय तो तृणमूल के नेता हमें शाबासी देते थे, पर अब जब हम लोग अपने अधिकारी की बात कर रहे हैं तो तृणमूल नेता व मंत्री हम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इस घटना के खिलाफ हम लोग चुनाव के बाद जबरदस्त आंदोलन करेंगे.भांगड़ में तृणमूल कर्मियों के हमले का शिकार हुए फुरफुरा शरीफ के एक और पीर कासिम सिद्दीकी ने कहा कि पंचायत चुनाव से हम लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री केवल शिलान्यास कर रही हैं. माकपा व कांग्रेस के जमाने में भी कभी धर्म गुरुओं पर हमला नहीं हुआ. तृणमूल को यह हरकत महंगी पड़ेगी. हम लोग इस मुद्दे पर राज्यपाल के पास फिर से जायेंगे और जरूर पड़ी तो राष्ट्रपति से भी गुहार लगाया जायेगा. श्री सिद्दीकी ने कहा कि अगर इस घटना के मद्देनजर राज्य में किसी प्रकार की अशांति होती है तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी. पूर्व आइपीएस डा. नजरूल इसलाम ने कहा कि राज्य में फासीवादी सरकार काम कर रही है. जिसे अपने खिलाफ बात करना पसंद नहीं है.
पूर्व कुलपति पवित्र सरकार ने कहा कि परिवर्तन के नाम पर राज्य की हालत बदतर होती जा रही है. आज तक हम लोगों ने राज्य में धर्म गुरुओं पर हमले की बात कभी सुनी नहीं थी. यह राजनीतिक उन्माद का उदाहरण है. तृणमूल के पूर्व विधायक दीपक घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस मुसलमानों को आपस में लड़वाने की साजिश कर रही है. इस सरकार ने मुसलमानों से किया एक वादा तक पूरा नहीं किया है. वहीं पूर्व नक्सल नेता अजीजुल हक ने कहा कि सरकार आग से खेल रही है.