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इक्विनॉक्स चिटफंड में पैसा गंवाने वालों को राहत देने की कवायद

कंपनी की संपत्ति को बेचकर पैसा लौटाने की तैयारी कोलकाता : राज्य सरकार की ओर से चिटफंड कंपनियों में निवेश करके पैसा गंवानेवालों को राहत देने की कोशिश की जा रही है. इसके तहत राज्य का आर्थिक अपराध निदेशालय (डीइओ) फरवरी के पहले हफ्ते में बारासात अदालत में एक याचिका दायर करने की तैयारी में […]

कंपनी की संपत्ति को बेचकर पैसा लौटाने की तैयारी
कोलकाता : राज्य सरकार की ओर से चिटफंड कंपनियों में निवेश करके पैसा गंवानेवालों को राहत देने की कोशिश की जा रही है. इसके तहत राज्य का आर्थिक अपराध निदेशालय (डीइओ) फरवरी के पहले हफ्ते में बारासात अदालत में एक याचिका दायर करने की तैयारी में है, जिसमें निवेशकों के डूबे हुए पैसों का कम से कम एक हिस्सा लौटाने की अनुमति मांगी जायेगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डीइओ चिटफंड कंपनी, इक्विनॉक्स ग्रुप के करीब एक लाखनिवेशकों का डूबा पैसा लौटाने की अनुमति के लिए यह याचिका दायर करेगा. ऐसा पहली बार होगा, जब निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए डीइओ वेस्ट बंगाल प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स इन फाइनेंशियल इस्टेबलिश्मेंट एक्ट (डब्ल्यूबीपीआइडीएफइए) के तहत अधिकारों का प्रयोग करेगा. 2011 में सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण व चिटफंड कंपनियों में डूबे हुए पैसों को वापस लौटाने के लिए यह कानून बनाया था.
इक्विनॉक्स ग्रुप के खिलाफ डीइओ ने 15 मई 2017 को अपनी पहली चार्जशीट बारासात अदालत में दाखिल की थी, जिसमें ग्रुप के चार निदेशकों के नामों का उल्लेख था. ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी का पहला मामला उत्तर 24 परगना के जगदल थाने में दर्ज किया गया था, जिसमें निवेशकों का पैसा वापस नहीं देने की शिकायत की गयी थी.
इस ग्रुप का मुख्य कार्यालय बारासात में ही था और इन्होंने 2009 से विभिन्न चिटफंड योजनाओं के माध्यम से लाखों निवेशकों से अवैध तरीके से 129 करोड़ रुपये इकट्ठा किया था.
ग्रुप ने इक्विनॉक्स लैंड प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड, इक्विनॉक्सइंफ्राटेक लिमिटेड व समृद्धि इंफ्रास्ट्रक्चर एंड प्रोजेक्ट्स इंडिया लिमिटेड के नाम से भी कंपनी खोल रखी थी और इसके जरिये पैसा जुटाये.
बंगाल सहित कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व अन्य राज्यों के करीब एक लाख से अधिक निवेशकों से करीब 129 करोड़ रुपये जुटाये गये थे.
डीइओ इस चिटफंड ग्रुप की जब्त संपत्तियों को बेचकर निवेशकों का कम से कम एक हिस्सा वापस लौटाने की अदालत से अनुमति मांगने की तैयारी में है.
इससे पहले डीइओ जब्त संपत्तियों व इसकी कीमतों का ब्योरा अदालत के समक्ष जमा कर चुका है. डीइओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निवेशकों से भी उन्होंने आवश्यक दस्तावेज पहले ही मांगे थे. अब तक करीब 70 हजार निवेशकों ने डीइओ कार्यालय से संपर्क कर निवेश के दस्तावेज सौंपे हैं. इसमें और वृद्धि की उम्मीद है.

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