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नेताजी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा होगा एक अच्छा कदम

नेताजी भवन में आयोजित समारोह में बोले राज्यपाल नेताजी से सीख लें युवा कोलकाता : नेताजी भवन में नेताजी रिसर्च ब्यूरो द्वारा आयोजित नेताजी जयंती के कार्यक्रम में पहुंचे राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय अवकाश की मांग करते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है. फैसला केंद्र के हाथ में […]

नेताजी भवन में आयोजित समारोह में बोले राज्यपाल
नेताजी से सीख लें युवा
कोलकाता : नेताजी भवन में नेताजी रिसर्च ब्यूरो द्वारा आयोजित नेताजी जयंती के कार्यक्रम में पहुंचे राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय अवकाश की मांग करते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है. फैसला केंद्र के हाथ में है. अगर नेताजी की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश का एलान किया जाता है, तो यह अच्छा कदम होगा.
समारोह में राज्यपाल ने कहा कि देश की तरक्की के लिए भारत के युवाओं को नेताजी के आदर्शों को मानना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से नेताजी की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग की थी. नेताजी रिसर्च ब्यूरो द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जापान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर योकोहामा ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता में नेताजी के योगदान के बारे में जापान के लोग भी बखूबी जानते हैं. इस मौके पर नेताजी रिसर्च ब्यूरो की चेयरपर्सन कृष्णा बोस ने कहा कि भारत की आजादी में नेताजी का योगदान अतुल्य है. नेताजी युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं.
विदेश से भी आये नेताजी को नमन करने
कोलकाता. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर मंगलवार को एल्गिन रोड स्थित नेताजी भवन में नमन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. देश के विभिन्न राज्यों से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी नेताजी को याद करने के लिए कई लोग यहां आये, जिनमें फ्रांस की एक युवती भी शामिल थीं. फ्रांस की संसद में सेवाएं देने के लिए चयनित युवती बीट्रिस, मेघालय की राजधानी शिलांग के दंपती दिलीप-जयती गोस्वामी और जेसी बोस रोड स्थित ओल्ड एज होम की 3 लिटिल सिस्टर्स सहित अनेक लोगों ने नेताजी भवन में अपनी श्रद्धासुमन अर्पित किये.
बच्चों, युवाओं, युवतियों और महिलाओं ने उमंग-उत्साह के साथ नेताजी भवन के बाहर लगे नेताजी के चित्र के समक्ष जमकर सेल्फी ली. इस भवन में संचालित नेताजी रिसर्च ब्यूरो में भी लोगों ने उनसे संबंधित विस्तृत जानकारी हासिल की और उनसे संबंधित पुस्तकों-लेखों का मुआयना किया. ‘द ग्रेट इस्केप’ नाम से इतिहास में मशहूर घटना की चश्मदीद गवाह ‘ऑडी वांडरर डब्ल्यू-24 कार’ की सेल्फी लेने के लिए भी युवाओं में होड़ लगी रही. अंग्रेजों की आंखों में धूल झोंककर 16 जनवरी, 1941 को नेताजी इसी कार से फरार हुए थे.
डॉ शिशिर बोस कार को चलाकर झारखंड के गोमो ले गये थे. एल्गिन रोड स्थित नेताजी भवन स्थित संग्रहालय में रखी इस कार को देश-विदेश से बड़ी तादाद में देखने के लिए लोग यहां आये. नेताजी से प्रभावित बीट्रिस ने कहा कि नेताजी न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व के महान नेताओं में शुमार थे. उनकी जीवनी पढ़ने के बाद वह उनसे काफी प्रभावित हुईं और भारत आकर नेताजी को उनकी जयंती पर नमन करने का फैसला किया.

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