23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

केंद्र ने आठ रूटों पर ट्रेन सेवा बंद करने को कहा

अब और घाटा सहने को तैयार नहीं रेलवे केंद्र व राज्य सरकार में फिर तनातनी कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार व केंद्र के बीच की खींचतान बढ़ती ही जा रही है. अब केंद्र के एक और फैसले से राज्य सरकार व उसके बीच विवाद शुरू हो गया है. केंद्रीय रेल मंत्रालय ने राज्य सरकार को […]

अब और घाटा सहने को तैयार नहीं रेलवे

केंद्र व राज्य सरकार में फिर तनातनी
कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार व केंद्र के बीच की खींचतान बढ़ती ही जा रही है. अब केंद्र के एक और फैसले से राज्य सरकार व उसके बीच विवाद शुरू हो गया है. केंद्रीय रेल मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र देकर बंगाल में आठ रूटों में ट्रेन सेवा को बंद करने का फरमान दिया है.
इन रूटों में ट्रेन सेवा से रेलवे को हो रहा काफी नुकसान
केंद्रीय रेल मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र देकर सूचित किया है कि राज्य के आठ रूटों में चल रही ट्रेन सेवा से रेल मंत्रालय को काफी नुकसान हो रहा है. इसलिए इन रूटों पर ट्रेन सेवा बंद करना चाहते हैं. ट्रेन सेवा जारी रखने के लिए रेल मंत्रालय ने शर्त रखी है कि इन रूटों पर ट्रेन सेवा चलाने के लिए रेलवे को जितना नुकसान हो रहा है, उस नुकसान का 50 प्रतिशत राशि का वहन राज्य सरकार को करना होगा.
इन रूटों पर ट्रेन सेवा बंद करने का फरमान
1. सोनारपुर-कैनिंग
2. शांतिपुर – नवद्वीप
3. बारासात – हासनाबाद
4. कल्याणी – कल्याणी सीमांत
5. बालीगंज – बजबज
6. बारुईपुर – नामखाना
7. बर्दवान – कटवा
8. भीमगढ़ – पलास्थली
हजारों यात्रियों को होगी परेशानी
रेल मंत्रालय द्वारा भेजे गये पत्र में दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, बर्दवान, नदिया सहित अन्य जिलों में इसे बंद करने का फरमान दिया गया है. नबान्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन आठ रूटों पर ट्रेन सेवा बंद होने से हजारों यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
केंद्र ने बंगाल का किया अपमान : ममता
केंद्र सरकार के इस फैसले का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी निंदा की है और कहा कि ऐसा फैसला लेकर केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल का अपमान किया है. केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की उपेक्षा करने की सारी हदें पार कर दी है. लोगों की सुविधाओं के लिए इन सभी रूटों पर उन्होंने ही ट्रेन सेवा शुरू की थी और केंद्र सरकार ने इन सभी रूटों पर ही ट्रेन सेवा बंद करने का फैसला लिया है. यह कोई रेलवे के नुकसान का मामला नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध है. केंद्र सरकार के इस फरमान को कतई नहीं माना जायेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष राज्य सरकार के खाते से 50 हजार करोड़ रुपये काट लेती है और उसके बाद भी क्या केंद्र सरकार द्वारा दी जानेवाली परिसेवाओं के लिए राज्य सरकार को रुपया देना होगा. रेलवे कोई कंपनी नहीं है, इसे लोगों को परिसेवा देने के लिए बनाया गया है, जिसका संचालन सरकार कर रही है. इसलिए परिसेवा को लाभ या हानि से नहीं जोड़ा जा सकता. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस पत्र का जवाब राज्य सरकार द्वारा कड़े शब्दों में दिया जायेगा. राज्य सरकार इस प्रकार की प्रतिहिंसा की राजनीति को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें