मालबाजार : माल ब्लॉक अंतर्गत क्रांति इलाके के भंडारीपाड़ा में सुशील राय का निवास है. 91 साल की उम्र में भी गरीबी और लाचारी ने पीछा नहीं छोड़ा है. लाठी के सहारे चल-फिर लेते हैं. गनीमत यही है कि आज भी इनकी दृष्टिशक्ति यथावत है. बिना चश्मे के ही पंचांग बगैरह पढ़ लेते हैं. हालांकि इन्हें इस बात का मलाल है कि आज तक उन्हें इंदिरा आवास के सिवा किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिली है. इंदिरा आवास का घर भी अब जर्जर हो चुका है. इसी घर में अपने छोटे बेटे और पुत्रवधू के साथ अपनी पत्नी रत्ना राय को लेकर अपने आखिरी दिन गुजार रहे हैं.
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91 वर्षीय वृद्ध को नहीं मिल रही कोई सरकारी मदद
मालबाजार : माल ब्लॉक अंतर्गत क्रांति इलाके के भंडारीपाड़ा में सुशील राय का निवास है. 91 साल की उम्र में भी गरीबी और लाचारी ने पीछा नहीं छोड़ा है. लाठी के सहारे चल-फिर लेते हैं. गनीमत यही है कि आज भी इनकी दृष्टिशक्ति यथावत है. बिना चश्मे के ही पंचांग बगैरह पढ़ लेते हैं. हालांकि […]
सुशील राय की पत्नी रत्ना देवी ने बताया कि आज तक पंचायत कार्यालय में अनगिनत बार दौड़धूप करने के बावजूद वृद्धा अवस्था भत्ता नहीं मिल पाया है. यहां तक कि पंचायत प्रधान से भी किसी तरह की मदद नहीं मिली. हर बार चुनाव के वक्त नेता और कार्यकर्ता आश्वासन दे जाते हैं, लेकिन आज तक वह आश्वासन पूरा नहीं हुआ. सुशील राय अपने छोटे बेटे सनातन राय के रहते हैं. हालांकि सनातन राय की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है.
किसी तरह दो जून का खाना मिल जाता है. सुशील राय ने कई बार क्रांति ग्राम पंचायत की प्रधान हीरोबाला राय और बीडीओ के साथ भेंट कर मदद की गुहार लगायी है. लेकिन वहां से भी उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ हाथ नहीं लगा.
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