गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेला का
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नोट व वोट के लिए तीर्थस्थलों का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए
गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेला का दर्जा मिले सागरद्वीप : आज विकास का मतलब सुविधा हो गया है. लोग सुविधाओं के लिए वोट देते हैं और राजनेता इसी को भुनाते हुए नोट बनाम वोट की राजनीति करते हैं. भारत के नेताओं की आस्तिकता और नास्तिकता को परिभाषित करना कठिन कार्य है. क्योंकि चुनाव के अवसर […]
दर्जा मिले
सागरद्वीप : आज विकास का मतलब सुविधा हो गया है. लोग सुविधाओं के लिए वोट देते हैं और राजनेता इसी को भुनाते हुए नोट बनाम वोट की राजनीति करते हैं. भारत के नेताओं की आस्तिकता और नास्तिकता को परिभाषित करना कठिन कार्य है. क्योंकि चुनाव के अवसर पर राजनेताओं के कई रूप दिखने लगते हैं. नोट और वोट के लिए तीर्थस्थलों का प्रयोग नहीं होना चाहिए. पार्टियां बदलती रहती हैं, नेता भी इधर से उधर होते रहते हैं. इसलिए अगर पवित्र तीर्थस्थलों का प्रयोग नोट और वोट के लिए होगा तो इसका फल अच्छा नहीं होगा. ये बातें शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने शनिवार को गंगासागर में संवाददाताओं से कही.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ पाने के लिए तीर्थस्थलों का उपयोग किये जाने पर यह विलुप्त भी हो सकता है. यमुना नदी के तट पर कभी ब्रह्माजी ने तपस्या की थी. इस हिसाब दिल्ली को देश का सबसे बड़ा तीर्थस्थल माना जाना चाहिए, लेकिन आज लोग दिल्ली को देश की राजधानी के रूप में जानते है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेला घोषित करने को लेकर केंद्र सरकार से की गयी अपील पर निश्चलानंद महाराज ने कहा कि वह गत 18 वर्षों से लगातार गंगासागर मेला के दौरान ही पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिला स्थित सागरद्वीप आते हैं.
इन 18 वर्षों में बंगाल में क्या परिवर्तन हुअा है, इसकी विशेष जानकारी उनके पास नहीं है. गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेला का दर्जा मिलना चाहिए. इसके लिए पश्चिम बंगाल के आसपास स्थित दूसरे राज्यों को भी आवाज उठानी चाहिए. इसका श्रेय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगर लेना चाहें तो ले सकती हैं.
बोले शंकराचार्य
केंद्र के साथ सभी राज्य मिल करें कार्य
शंकराचार्य ने कहा कि देश के विकास, नये कल-कारखानों की स्थापना तथा युवाओं के रोजगार के अवसर बढ़ाये जाने के उद्देस्य से सभी राज्यों को एकसाथ मिल कर केंद्र सरकार की मदद करनी चाहिए. एकसाथ काम करने से ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा.
एकजुटता से ही बनेगा राम मंदिर
अाजादी के बाद देश में बनी सरकारों ने भारत को नौ बार विभाजित किया है. राम मंदिर को बनाने के लिए सरकार केवल राजनीति करती अायी है. अगर सही दिशा में फैसले लिए जाते तो अब तक राम मंदिर बन गया होता.
केंद्र के साथ सभी राज्य मिल करें कार्य
शंकराचार्य ने कहा कि देश के विकास, नये कल-कारखानों की स्थापना तथा युवाओं के रोजगार के अवसर बढ़ाये जाने के उद्देस्य से सभी राज्यों को एकसाथ मिल कर केंद्र सरकार की मदद करनी चाहिए. एकसाथ काम करने से ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा.
एकजुटता से ही बनेगा राम मंदिर
अाजादी के बाद देश में बनी सरकारों ने भारत को नौ बार विभाजित किया है. राम मंदिर को बनाने के लिए सरकार केवल राजनीति करती अायी है. अगर सही दिशा में फैसले लिए जाते तो अब तक राम मंदिर बन गया होता.
तीर्थयात्रियों पर जीएसटी का असर नहीं
शंकराचार्य ने कहा कि इस वर्ष देश में जीएसटी को लागू किया गया. लेकिन तीर्थयात्रियों पर जीएसटी का असर नहीं दिख रहा है. पहले की अपेक्षा ज्यादा संख्या में लोग मेला पहुंच रहे हैं. 12 जनवरी तक करीब तीन लाख लोग पुण्यस्नान कर चुके है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 15 जनवरी तक कितने तीर्थयात्री गंगासागर पहुंचेंगे.
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