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प्रस्तावित एफआरडीआइ बिल ग्राहक विरोधी : नवल
कोलकाता : प्रस्तावित फाइनेंशियल रिजल्यूशन डिपोजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआइ) बिल का एक बार फिर वामपंथी दलों ने विरोध किया है. भाकपा के राज्य परिषद के 26वें सम्मलेन में नवनिर्वाचित सदस्य व परिवहन श्रमिक संगठन के वरिष्ठ नेता नवल किशोर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार आम लोगों पर आर्थिक दबाव बढ़ाना चाहती है. विभिन्न […]
कोलकाता : प्रस्तावित फाइनेंशियल रिजल्यूशन डिपोजिट इंश्योरेंस (एफआरडीआइ) बिल का एक बार फिर वामपंथी दलों ने विरोध किया है.
भाकपा के राज्य परिषद के 26वें सम्मलेन में नवनिर्वाचित सदस्य व परिवहन श्रमिक संगठन के वरिष्ठ नेता नवल किशोर श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार आम लोगों पर आर्थिक दबाव बढ़ाना चाहती है. विभिन्न बैंकों से कई बड़ी काॅरपोरेट कंपनियों ने करोड़ों रुपये का ऋण ले रखा है.
ऋण की रकम अदा नहीं हो पाने पर आमलोगों पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है. प्रस्तावित एफआरडीआइ बिल ग्राहक विरोधी है, जिससे बैंक किसी भी समय खुद को दिवालिया बताने की कोशिश कर सकते हैं. आम लोगों का बैंक में रुपये रखना सुरक्षित नहीं रह जायेगा. उन्होंने आरोप लगाया है कि केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों में कोई फर्क नहीं है.
केंद्र सरकार लोगों पर आर्थिक दबाव बना रही है, तो राज्य में लोकतंत्र पर खतरा बना हुआ है. उन्होंने इन मुद्दों के खिलाफ वामपंथी और जनवादी ताकतों की एकजुटता का समर्थन किया है. इधर, भाकपा (माले) के प्रदेश सचिव पार्थ घोष ने भी प्रस्तावित एफआरडीआइ बिल का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि बिल के पास होने से उनके रुपये की कोई गारंटी नहीं रह जायेगी. आम लोगों पर आर्थिक दबाव बनाकर बैंक, बीमा व आर्थिक संस्थानों की स्थिति सुधार करने की कोशिश की जा रही है.उन्होंने प्रस्तावित एफआरडीआइ बिल के खिलाफ तमाम वामपंथी दलों व संगठनों को लगातार आंदोलन करने का आह्वान किया है.
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