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सारधा: सेबी के तीन अधिकारी हर महीने ले रहे थे 70 लाख

कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाले की जांच में अब सेबी के तीन अधिकारियाें का नाम भी सामने आ रहा है. सेबी के तीन अधिकारी सीबीआइ के रडार पर हैं. आरोप है कि यह तीनों अधिकारी सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन से प्रतिमाह रिश्वत के रूप में 70 लाख रुपये लेते थे. ऐसा बयान सुदीप्त […]

कोलकाता : सारधा चिटफंड घोटाले की जांच में अब सेबी के तीन अधिकारियाें का नाम भी सामने आ रहा है. सेबी के तीन अधिकारी सीबीआइ के रडार पर हैं. आरोप है कि यह तीनों अधिकारी सारधा समूह के प्रमुख सुदीप्त सेन से प्रतिमाह रिश्वत के रूप में 70 लाख रुपये लेते थे. ऐसा बयान सुदीप्त सेन ने सीबीआइ के समक्ष दिया है. अपनी आंखों को बंद रखने के लिए सेबी के अधिकारी प्रति माह उससे रुपये लेते थे.

सारधा: सेबी…
सुदीप्त सेन ने तीनों अधिकारियों के नाम भी बता दिये हैं. अब सीबीआइ ने इस बावत सेबी के निदेशक को पत्र लिख कर उनसे पूछताछ की अनुमति मांगी है. सीबीआइ के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सेबी चेयरमैन से अनुमति मिलते ही तीनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी.
फिलहाल दिल्ली में कार्यरत हैं अधिकारी
सारधा मामले की जांच में जुटे सीबीआइ के एक अधिकारी ने बताया कि तीनों आरोपी अधिकारी वर्तमान में दिल्ली में कार्यरत हैं. बस हमें अब सेबी के चेयरमैन की अनुमति का इंतजार है. अनुमति मिलते ही तीनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. सीबीआइ सूत्रों के अनुसार, वर्ष 2009 में एक आइपीएस अधिकारी ने सेबी को पत्र लिख कर पश्चिम बंगाल में चिटफंड कारोबार के बारे में सूचित किया था. उसके बाद से उक्त तीनों अधिकारियों ने सुदीप्त सेन से संपर्क किया और कार्रवाई करने की बजाय अपना मुंह बंद रखने के लिए उससे रिश्वत लेने लगे.
क्या है सारधा चिटफंड घोटाला
पश्चिम बंगाल के सारधा समूह ने अधिक ब्याज का लालच देकर पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, असम समेत विभिन्न राज्यों में लोगों से रुपये उगाहे थे. जानकारी के अनुसार, सारधा समूह पर लाखों लोगों से 2500 करोड़ रुपये उगाहे थे और उसके बाद वह निवेशकों को रुपया वापस नहीं कर पाये. इसके बाद वर्ष 2014 में सारधा समूह के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई, सबसे पहले राज्य पुलिस ने जांच शुरू की. फिर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई जांच में जुट गयी. कंपनी प्रमुख सुदीप्त सेन एवं उसके कई सहकर्मी गिरफ्तार है. सभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है. इस मामले में सत्तारूढ़ पार्टी के राजनेताओं की भी गिरफ्तारी हुई थी, जो फिलहाल जमानत पर हैं.

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