अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के उदघाटन समारोह में बोले राज्यपाल
Advertisement
राष्ट्रीय स्वाभिमान भाषा से जुड़ना चाहिए
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के उदघाटन समारोह में बोले राज्यपाल कोलकाता : हमारा राष्ट्रीय स्वाभिमान भाषा से जुड़ना चाहिए. हमें भाषा की हीनता से बाहर निकला होगा. इसके लिए संकल्प होना चाहिए, हमें कोई नहीं रोक सकता. हिंदी में देश की संपर्क भाषा होने के सारे गुण हैं. ये बातें महानगर के जीडी बिरला प्रेक्षागृह में […]
कोलकाता : हमारा राष्ट्रीय स्वाभिमान भाषा से जुड़ना चाहिए. हमें भाषा की हीनता से बाहर निकला होगा. इसके लिए संकल्प होना चाहिए, हमें कोई नहीं रोक सकता. हिंदी में देश की संपर्क भाषा होने के सारे गुण हैं. ये बातें महानगर के जीडी बिरला प्रेक्षागृह में राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के उदघाटन के अवसर पर कही. उन्होंने कहा कि जब कोई भाषा देश के स्वाभिमान की भाषा हो जाती है, उसकी पहचान की भाषा हो जाती है, तब वह सार्वजनिक सम्मान की भाषा हो जाती है.
भाषा को संस्कृति से जुड़ा होना जरुरी है. इसके लिए अनुवाद की विधा का प्रयोग आवश्यक है. जब तक हम एक दूसरे के साहित्य को नहीं पढ़ेंगे, उन्हें समझेंगे नहीं तो उनका सांस्कृतिक मूल्यांकन कैसे करेंगे. उन्होंने फ्रांस एयरपोर्ट से लेकर बहामा द्वीप समूह की राजधानी नसाउ से लेकर अमेरिका के न्यूजर्सी शहर में अपने अनुभवों को भी सांझा किया, जिसमें उन्होंने देश की भाषा के महत्व का रेखांकन किया.
इस अवसर पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक प्रो अवनीश कुमार ने कहा कि चिंतन भले ही हम अपनी मातृभाषा में करें पर ज्ञान को सुगम बनाने के लिए अन्य भाषाओं को भी सीखने की आवश्यकता है. भाषा और गणित दोनों ऐसे विषय हैं जिस पर पारंगत हुए बिना हमारा विकास नहीं हो सकता. आज बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी हिंदी व अन्य भारतीय भाषाआें का धड़ल्ले से उपयोग कर रही है.
स्व माधोदास मूंधड़ा की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में भारतीय संस्कृति संसद व भारतीय विद्या भवन के संयुक्त तत्वावधान हिंदीतर प्रांतों व विदेशों में हिंदी साहित्य की स्थिति पर इस सम्मेलन का अायोजन किया गया था. कार्यक्रम के अध्यक्षीय भाषण में विठ्ठल दास मूधंड़ा ने कहा कि वर्तमान समय में आर्थिक व सांस्कृतिक परिवर्तन हो रहा है. ऐसे में इसकी दिशा क्या होगी यह प्रबुद्ध लोगों को तय करना है, जिसमें भाषा और साहित्य की महती भूमिका है. कार्यक्रम में सिम्पलेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की अध्यक्ष रवि प्रभा बर्मन ने बताया कि डा नालिनी मोहन सान्याल देश की प्रथम महिला थी जिसने कलकत्ता विश्वविद्यालय से हिंदी में पीएचडी का गौरव प्राप्त किया था. उन्होंने महिलाओं को घरों में बच्चों से हिंदी में बात करने व स्कूलों के पाठ्य क्रम में अन्य भारतीय भाषाओं को शामिल करने का आग्रह किया. कार्यक्रम का संचालन बाबुलाल शर्मा व प्रो राजश्री शुक्ला ने किया. संस्कृति संसद की अध्यक्ष तारा दुग्गड़ ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement