आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए दो महिलाओं ने नहीं बसायी गृहस्थी
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श्वान प्रेम पर न्योछावर किया पति प्रेम
आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए दो महिलाओं ने नहीं बसायी गृहस्थी कोलकाता : हरेक युवती का सपना होता है कि उसकी शादी एक राजकुमार से हो और वह सुखमय वैवाहिक जीवन बिताये. लेकिन महानगर के सात नंबर वार्ड निवासी दो महिलाओं ने श्वान (कुत्ता) संरक्षण के लिए अविवाहिता रहने का फैसला लेकर एक मिसाल […]
कोलकाता : हरेक युवती का सपना होता है कि उसकी शादी एक राजकुमार से हो और वह सुखमय वैवाहिक जीवन बिताये. लेकिन महानगर के सात नंबर वार्ड निवासी दो महिलाओं ने श्वान (कुत्ता) संरक्षण के लिए अविवाहिता रहने का फैसला लेकर एक मिसाल कायम की है. इनके नाम अंजू चटर्जी (70) एवं मामुनी दास हैं. दोनों बागबाजार स्थित सात नंबर वार्ड के राम कृष्णा लेन की रहनेवाली है. अंजू पोर्ट ट्रस्ट से 10 वर्ष पहले अवकाश प्राप्त कर चुकी हैं,
जबकि मामुनी की उम्र 35 साल है. कुत्तों से लगाव के चलते मामुनी ने भी शादी नहीं की. छोटे-मोटे कार्य कर उसे जो पैसे मिलते हैं, उससे कुत्तों का पेट भरती है. मामुनी और अंजू मिलकर यह नेक कार्य कर रही हैं. इनके लिए कुत्ते बेटे से भी बढ़ कर हैं. अंजू अपनी पेंशन से कुत्तों का पेट भर रही हैं. व कुत्तों की नसबंदी एवं इलाज का खर्च भी वहन करती हैं.
आवारा कुत्तों से अधिक लगाव
अंजू तथा मामुनी को आवारा कुत्तों से अधिक लगाव है. अंजू ने बताया कि इंसान दोहरे मानसिकता वाले होते हैं. विदेशी नस्ल के कुत्तों को तो बड़ी शौक से पालते है और अच्छे ढंग से उसकी देखभाल करते हैं. लेकिन सड़क पर घूमनेवाले कुत्तों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है. कभी पत्थर मार उनका पैर तोड़ देते हैं, तो कभी सोये कुत्तों पर गाड़ी चढ़ा देते हैं. कुत्ता सूनी निगाहों से सब कुछ देखता है. अपना दर्द को भौं-भौं की आवाज से बयां भी करता है. लेकिन किसी के पास उनका दर्द समझने व बांटने का समय नहीं है. इसलिए मुझे आंवारा कुत्तों से अधिक लगाव है. माता-पिता ने कई बार घर बसाने का दबाव डाला. लेकिन यदि मैं गृहस्थी में उलझ जाती तो कुत्तों की देखभाल नहीं कर सकती. इसलिए शादी नहीं की.
दोनों पाल रही हैं 40 कुत्ते
अंजू एवं मामुनी दास करीब 40 अवारा कुत्तों को पाल रही हैं. इन्हें सुबह एवं रात में चिकेन-भात खिलाती हैं. खाना बनाने के लिए दोनों सुबह पांच बजे उठ जाती हैं. कुत्तों को दिन में दो बार खाना दिया जाता है.
पड़ोसी करते हैं झगड़ा
अंजू ने बताया कि कुत्तों के लिए उन्हें पड़ोसियों की खरीखोटी सुननी पड़ती है. कई बार दोनों महिलाएं मजाक का पात्र भी बन चुकी हैं. लेकिन इसके बावजूद इन्होंने अपना इरादा नहीं बदला.
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