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राजस्थान के तीर्थयात्रियों के साथ गंगासागर में मारपीट

तीर्थयात्रियों को धमकाते हुए कहा क्यों बार-बार आते हो यहां बाबूघाट के गंगासागर कैंप पहुंचने पर तीर्थ यात्रियों ने पुलिस को आपबीती सुनायी कोलकाता : गंगासागर के कचुबेड़िया में बुधवार को राजस्थान के तीर्थयात्रियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. गुरुवार को कोलकाता लौटने पर दल में शामिल तीर्थयात्रियों ने अपनी आपबीती सुनायी […]

तीर्थयात्रियों को धमकाते हुए कहा क्यों बार-बार आते हो यहां

बाबूघाट के गंगासागर कैंप पहुंचने पर तीर्थ यात्रियों ने पुलिस को आपबीती सुनायी
कोलकाता : गंगासागर के कचुबेड़िया में बुधवार को राजस्थान के तीर्थयात्रियों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. गुरुवार को कोलकाता लौटने पर दल में शामिल तीर्थयात्रियों ने अपनी आपबीती सुनायी और पुलिस में शिकायत दर्ज करायी.
तीर्थयात्रियों ने बताया कि गंगासागर जाने के लिए वह अपनी निजी बस से लॉट नंबर आठ पहुंचे. फिर लांच से नदी पार कर कचुबेड़िया पहुंचे. इस दल में कुल 40 लोग थे जिसमें महिलाएं भी थीं. तीर्थयात्रियों का दल जब कचुबेड़िया बस स्टैंड पहुंचा तो वहां उनके साथ न सिर्फ अभद्र व्यवहार किया गया, बल्कि मारपीट भी की गयी. तीर्थयात्रियों का आरोप था कि उनका पैसा भी लूटने का प्रयास किया गया. उनका कहना था कि उनके पास एक लाख रुपये थे. गुरुवार को जब तीर्थयात्री बाबूघाट पहुंचे तो वहां सेवा शिवर के लोगों और पुलिस को अपनी आपबीती सुनायी. यात्रियों ने देर शाम मैदान थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज करायी.
अब समझ में आया कि पूर्वजों ने क्यों कहा गंगासागर एक बार : रुक्मिणी देवी का कहना था कि हम पुण्य कमाने आये थे लेकिन ऐसा लगा कि हम यहां से अपने घर लौट नहीं पायेंगे. वह कहती हैं : अब समझ में आया कि पूर्वजों ने क्यों कहा कि सब तीर्थ बार-बार गंगासागर एक बार. शायद यहां की स्थिति से हमारे पूर्वज भी दो-चार हुए होंगे. लेकिन यहां कि सरकार को इसका अहसास क्यों नहीं होता कि वह तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व सुविधा का ख्याल रखे.
पुलिस मुकदर्शक बनी रही : मुरारीलाल का आरोप था कि घटना के वक्त काफी लोगों के साथ बस स्टैंड पर पुलिस भी मौजूद थी. लेकिन उनके सामने ही बस वालों ने हमारी धुनाई की और पुलिस मुकदर्शक बनी रही.
महिला तीर्थयात्रियों को भी नहीं बख्शा, बांस और डंडों से दौड़ा-दौड़ाकर पीटा
तीर्थयात्री शंकरलाल शर्मा की जुबानी: उन लोगों (बस वाले) ने कचुबेड़िया बस स्टैंड से गंगासागर मेला तक के लिए 4000 रुपये ले लिये. स्टैंड पर खड़ी एक बस में हम सभी बैठ गये. बैठे-बैठे करीब एक घंटा बीत गया लेकिन बस नहीं चली. तभी एक व्यक्ति आकर हमें दूसरी बस में बैठने को कहा. मजबूर थे लिहाजा उनके कहने के अनुसार बस बदल ली. उसके बाद उस बस से भी हमें उतरने को कहा गया. हम परेशान थे लेकिन असहाय. हमारे साथ महिलाएं भी थीं लिहाजा हम उनकी बात मानते गये.
दो घंटे बीतने को आये लेकिन बस चलने का नाम नहीं ले रही थी. हमारा सब्र का बांध टूट रहा था. मैं उठा और बस स्टैंड के पूछताछ कक्ष में चला गया. वहां बैठे एक व्यक्ति से मैं बस नहीं रवाना होने का कारण पूछा. इतने पर तो 20 -25 लोग आये और हम सभी लोगों को मारने लगे. किसी के हाथ में बांस था तो किसी के हाथ में डंडा. वे सभी बुरी तरह से चिल्ला रहे थे और हमें मार रहे थे. बस स्टैंड रण क्षेत्र का रूप ले चुका था. गंगासागर से स्नान कर बाबूघाट पहुंचे शंकरलाल शर्मा ने अपनी आपबीती इस तरह सुनायी. वह कहते हैं कि हम राजस्थान के सीकर जिले से गंगासागर में स्नान कर पुण्य कमाने पहुंचे थे लेकिन यहां कि स्थिति देख हम दंग हैं.
तीर्थयात्रियों से इस प्रकार का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण :
तीर्थयात्रियों के दल में शामिल पुरणमल सैनी बताते हैं कि मारपीट में उन लोगों ने उनका चश्मा तोड़ दिया. बदमाशों ने हमें शरीर के उन अंगों पर वार किया जिससे वह दिखा भी नहीं सकते. हमारी महिलाओं को भी चोटें आयीं. उनका व्यवहार ऐसा था जैसे कि हम किसी अन्य देश से आये हुए हैं. घटना के बाद से हम काफी आतंकित हैं. हम किसी तरह से अपनी जान बचाकर यहां (बाबूघाट) पहुंचे हैं. काफी मिन्नतों के बाद हम तीन घंटे बाद कचुबेड़िया से गंगासागर के लिए रवाना हो सके.
महिलाएं तो इतनी भयभीत थीं कि रास्ता बदल कर हम लाट नंबर आठ पर पहुंचे.

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