दिलीप ने इशरत को प्रत्याशी बनाने की अटकलों को किया खारिज
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उलबेड़िया में अल्पसंख्यक को प्रत्याशी नहीं बनायेगी भाजपा
दिलीप ने इशरत को प्रत्याशी बनाने की अटकलों को किया खारिज कोलकाता : उलबेड़िया लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी किसी भी कीमत पर अल्पसंख्यक उम्मीदवार को टिकट नहीं देगी. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस मुद्दे पर पार्टी का स्टैंड साफ करते हुए कहा कि वहां पर महज 33 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता हैं, […]
कोलकाता : उलबेड़िया लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी किसी भी कीमत पर अल्पसंख्यक उम्मीदवार को टिकट नहीं देगी. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस मुद्दे पर पार्टी का स्टैंड साफ करते हुए कहा कि वहां पर महज 33 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता हैं, लिहाजा तृणमूल कांग्रेस वहां से सुल्तान अहमद की पत्नी को उम्मीदवार बना रही है तो माकपा पिछले कई बार के सांसद रह चुके हन्नान मोल्ला को ही उम्मीदवार बनाने जा रही है. ऐसे में भाजपा सबका साथ सबका विकास का नारा लेकर बहुसंख्यक समुदाय को एकजुट करेगी. उन्होंने तीन तलाक के खिलाफ मुकदमा जीतनेवाली इशरत जहां को उम्मीदवार बनाने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि उनका उपयोग हमलोग पार्टी के प्रचार में करेंगे.
लोकसभा का उम्मीदवार बनने लायक प्रतिभा इशरत में नहीं है, वह घरेलू महिला है. लिहाजा उसका उपयोग हमलोग पार्टी की जरूरत के हिसाब से करेंगे. खुद इशरत भी यही चाहती हैं. लिहाजा हमलोग इस बार वहां जीतने लायक उम्मीदवार देंगे, क्योंकि अब भाजपा केवल चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए नहीं लड़ती है, बल्कि अब हम चुनाव जीतने के लिए लड़ रहे हैं. सबंग में इसका प्रमाण मिला, उलबेड़िया और नोआपाड़ा के उप चुनाव में यह स्थिति साफ हो जायेगी और पंचायत चुनाव में पश्चिम बंगाल के भविष्य की रूपरेखा बन जायेगी. पंचायत चुनाव में भाजपा 58 हजार सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
इस दिशा में तैयारी तकरीबन पूरी हो गयी है. हमलोग बंगाल फतह करने की दिशा में शिद्दत से आगे बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि माहेश्वरी भवन में विस्तारक को लेकर सांगठनिक प्रशिक्षण शिविर चल रहा है. इसमें कुल 265 लोग हिस्सा ले रहे हैं. इसमें ज्यादातर लोग युवा हैं, जिनको हम चुनाव की प्रणाली और लोगों को वोट देने के लिए तैयार करने के साथ कार्यकर्ताओं को संगठित करते हुए प्रतिकूल परिस्थितियों का मुकाबला करते हुए मतदाताओं को बूथ तक ले जाने का प्रशिक्षण दे रहे हैैं.
राज्य की नौ करोड़ मुस्लिम महिलाओं को लक्ष्य बना कर हमलोग आगे बढ़ रहे हैं. तीन तलाक के मुद्दे पर इस समाज के पास प्रधानमंत्री का संदेश पहुंच गया है. अब अकेले महिला हज और उमरा के लिए जा सकती है. अब ममता बनर्जी को तीन तलाक के मुद्दे पर अपना स्टैंड साफ करना होगा. इससे नौ करोड़ मुस्लिम मतदाताओं में उनकी पैठ का पता चल जायेगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए लगातार बल प्रयोग कर भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास हो रहा है. खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में जहां जनसमर्थन तो है, लेकिन बूथ कमेटी बनाने में दिक्कत आ रही है. बावजूद इसके हम रुकने वाले नहीं हैं.
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