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बारूद की ढेर पर बंगाल
नववर्ष पर हिंदू संहति का कैलेंडर जारी, कहा कोलकाता : हिंदू संहति की ओर से कोलकाता प्रेस क्लब में नव वर्ष का कैलेंडर जारी किया गया. कैलेंडर की खासियत यह है कि इसमें हर महीने जब भी बंगाल में हिंदुओं पर हमला हुआ, उसका पूरा ब्योरा दर्ज है. कैलेंडर का लोकार्पण हिंदू संहति के संरक्षक […]
नववर्ष पर हिंदू संहति का कैलेंडर जारी, कहा
कोलकाता : हिंदू संहति की ओर से कोलकाता प्रेस क्लब में नव वर्ष का कैलेंडर जारी किया गया. कैलेंडर की खासियत यह है कि इसमें हर महीने जब भी बंगाल में हिंदुओं पर हमला हुआ, उसका पूरा ब्योरा दर्ज है.
कैलेंडर का लोकार्पण हिंदू संहति के संरक्षक और मार्गदर्शक तपन घोष ने किया. मौके पर नये अध्यक्ष देवतनू ने आधिकारिक रूप से पदभार संभाला.
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तपन घोष ने कहा कि बंगाल में हालात काफी गंभीर हैं.यह प्रदेश पूरी तरह से बारुद की ढेर पर बैठा है. जिस तरह से कट्टरपंथी जेहादी ताकतें पश्चिम बंगाल में जिस तेजी से पैर पसार रहे हैं, उसे देखते हुए हिंदुओं के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है. आलम यह है कि पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हिंदू अल्पसंख्यक हो गये हैं. यही रफ्तार रही, तो पश्चिम बंगाल या तो बांग्लादेश बन जायेगा या फिर कश्मीर की तर्ज पर हिंसा की चपेट में चला जायेगा.
जहां हिंदू पलायन करने के लिए बाध्य होंगे. अपनी बातों को साबित करने की दिशा में बल देते हुए उन्होंने कहा कि रोजाना 100 जगहों पर छोटे बड़े स्तर पर हिंदू, मुस्लिमों के हाथों प्रताड़ित हो रहे हैं. इसी रफ्तार से हिंदू लड़कियां लव जिहाद की शिकार हो रही हैं. सरकारी स्तर पर आंकड़ों को छिपाया जा रहा है. उनका संगठन इसका आधिकारिक ब्योरा तैयार कर रहा है. इसे लेकर प्रशासन पर दबाव बनाया जायेगा कि वह असली तस्वीर पेश करे.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर सबसे ज्यादा प्रशासन के लोग हैं. जहां भी कुछ होता है, सबसे पहले कट्टरपंथी पुलिस और प्रशासन पर हमला बोल देते हैं. इसके पीछे मकसद एक है प्रशासन को डराकर अपने कब्जे में रखा जाये. इसके लिए उन्होंने पिछली वाममोर्चा सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि वे लोग जमीनी हकीकत को हमेशा छिपाने में लगे थे.
लेकिन मौजूदा सरकार भी उससे अलग नहीं है.
मौके पर नव नियुक्त अध्यक्ष देवतून भट्टाचार्य ने कहा कि वे संगठन की अगली बैठक में इस विषय पर चर्चा करेंगे कि भारत में अल्पसंख्यक के नाम पर मिलनेवाली सुविधाओं को हटा दिया जाये, क्योंकि अगर देश एक है, तो कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए.
इसके लिए वे कानून का दरवाजा खटखटायेंगे. उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यक के नाम पर ही सुविधाएं देने का विधान होगा, तो जिन इलाकों में जो अल्पसंख्यक होगा, उसे ही सुविधा मिले और जो बहुसंख्यक होगा, उससे वंचित रहेगा. इस मुद्दे को लेकर वे कानूनी लड़ाई के लिए जमीन तैयार कर रहे हैं. लेकिन उसके पहले सभी दलों में शामिल हिंदुओं के लिए यह संदेश देना चाहते हैं कि आप जहां रहें हिंदू हित का ख्याल रखें.
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