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बंगाल : गंगासागर के लिए बनेगा पुल, मुख्यमंत्री ने कहा ताजपुर पोर्ट में केंद्र को हिस्सेदारी दी
74 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी केंद्र के पास ताजपुर पोर्ट में अमर शक्ति सागरद्वीप : गंगासागर यानी सागरद्वीप में विकास की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए राज्य सरकार ने बहुत बड़ा बलिदान दिया है. हम बस यही चाहते हैं कि सड़क व रेल मार्ग से कटे सागरद्वीप में आधारभूत ढांचा विकसित हो. इसे शहर से सड़क मार्ग से […]
74 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी केंद्र के पास ताजपुर पोर्ट में
अमर शक्ति
सागरद्वीप : गंगासागर यानी सागरद्वीप में विकास की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए राज्य सरकार ने बहुत बड़ा बलिदान दिया है. हम बस यही चाहते हैं कि सड़क व रेल मार्ग से कटे सागरद्वीप में आधारभूत ढांचा विकसित हो. इसे शहर से सड़क मार्ग से जोड़ा जाये.
गंगासागर में प्रत्येक वर्ष आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों व सागरद्वीप के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने ताजपुर पोर्ट में केंद्र सरकार को हिस्सेदारी दी है. राज्य सरकार ने शर्त रखी है कि केंद्र को यह हिस्सेदारी तभी मिलेगी जब वह मूड़ी गंगा पर ब्रिज का निर्माण करेगी. यह घोषणा बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सागरद्वीप में आयोजित सभा में की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ताजपुर पोर्ट का निर्माण केंद्र व राज्य सरकार मिलकर करेंगी. इसमें केंद्र सरकार के पास 74 प्रतिशत व राज्य सरकार के पास 26 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी. उन्होंने कहा कि ताजपुर पोर्ट का निर्माण राज्य सरकार करना चाहती थी.
क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा सागरद्वीप में पोर्ट का निर्माण किया जाना था. लेकिन जब राज्य सरकार ने ताजपुर में पोर्ट बनाने का फैसला किया तो केंद्र ने सागरद्वीप में पोर्ट बनाने से इनकार कर दिया और वह ताजपुर पोर्ट योजना में हिस्सेदारी की मांग करने लगी.
सागरद्वीप पर बसे लोगों व यहां प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले गंगासागर मेला को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने शर्त रखी थी कि राज्य तभी इस योजना में उसे (केंद्र) हिस्सेदारी देगी, जब वह मूड़ी गंगा पर पुल का निर्माण करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को केंद्र ने स्वीकार कर लिया है. बहुत जल्द इसकी रूप-रेखा तैयार की जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगासागर मेले के बारे में कहा जाता है कि सब तीर्थ बार-बार, गंगासागर एक बार. ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि यहां आना बहुत कठिन है.
कुंभ मेला में लोग नदी, सड़क, रेल या हवाई मार्ग से भी जा सकते हैं, लेकिन गंगासागर आने के लिए कोई सीधा सड़क मार्ग नहीं है. यहां लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं और सभी को नौका से नदी पार कर आना होता है. मूड़ी गंगा नदी पर ब्रिज का निर्माण होने से लोग आसानी से यहां पहुंच सकेंगे. इससे यह क्षेत्र पर्यटन उद्योग के दृष्टिकोण से भी काफी विकसित होगा. लोग पूरे वर्ष यहां आ सकेंगे.
पॉलीथिन मुक्त क्षेत्र बनेगा सागरद्वीप
सागरद्वीप. राज्य सरकार ने वार्षिक गंगासागर मेला के आयोजन स्थल सागरद्वीप को पॉलीथिन मुक्त क्षेत्र बनाने की दिशा में कदम उठाये हैं. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि मेले में आने वाले तीर्थयात्री क्षेत्र में जैविक रूप से नष्ट नहीं होनेवाली सामग्रियों को न फैलायें.
उन्होंने बताया कि गंगासागर पंचायत समिति को भी इस काम में लगाया गया है. अधिकारी ने बताया : इलाके को प्लास्टिक मुक्त बनाने की कोशिश में हम लोग साल भर काम करते हैं, लेकिन इसमें कुछ वक्त लगेगा. गंगा और बंगाल की खाड़ी के संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए हर साल यहां लाखों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं. अधिकारी के अनुसार, प्रशासन क्षेत्र में इस विषय को लेकर स्थानीय लोगों और पर्यटकों को जागरूक करने के लिए पर्चे बांट रहा है. इसके अलावा पांच घाटों पर लगाये गये माइक्रोफोन से लोगों को कचरे के निस्तारण के बारे में बताया जायेगा.
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