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आधारभूत ढांचे की कमी से पॉक्सो के मामले लंबित

सियालदह, बारुईपुर व डायमंड हार्बर अदालत में भी आधारभूत ढांचे का अभाव कोलकाता : आधारभूत ढांचे के बगैह ही उपगरीय अदालतों में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट (पॉक्सो) से जुड़े मामले चल रहे हैं. जिला अदालतों में आधारभूत ढांचा रहने पर भी महकमा अदालतों में इसका अभाव दिखता है. महानगर के सियालदह, बारुइपुर […]

सियालदह, बारुईपुर व डायमंड हार्बर अदालत में भी आधारभूत ढांचे का अभाव
कोलकाता : आधारभूत ढांचे के बगैह ही उपगरीय अदालतों में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट (पॉक्सो) से जुड़े मामले चल रहे हैं. जिला अदालतों में आधारभूत ढांचा रहने पर भी महकमा अदालतों में इसका अभाव दिखता है. महानगर के सियालदह, बारुइपुर व डायमंड हार्बर अदालत में भी आधारभूत ढांचे का अभाव दिखता है. कई अदालतों में न्यायाधीशों की कमी से मामले का काम रुका पड़ा है.
आधारभूत ढांचे की नामौजूदगी से न्यायाधीश से लेकर वकील तक नाराज हैं. पॉक्सो के कानून में स्पष्ट रूप से विशेष अदालत की बात कही गयी है. न्यायिक प्रक्रिया के दौरान बच्चे के लिओ दोस्ताना माहौल, गोपनीयता के लिहाज से तीसरे पक्ष की नामौजूदगी आदि की बात कही गयी है.
लेकिन सियालदह या बारुइपुर अदालत में ऐसी व्यवस्था नहीं है. कोई अलग कक्ष इसके लिए सुनिश्चित नहीं है. उक्त कानून में कहा गया है कि मामले के एक महीने के भीतर बच्चे का बयान लेने और एक वर्ष के भीतर मामले के निपटारे की बात कही गयी है. लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आधारभूत ढांचे की नामौजूदगी से निश्चित समय में इन मामलों का निपटार संभव नहीं हो पा रहा है. वकीलों के मुताबिक अलीपुर व कलकत्ता नगर दायरा अदालत में इसकी उपयुक्त वय्वस्था है.
अधिकतर वकीलों के अनुसार पूर्व में अलीपुर में पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी. लेकिन अब हालात सुधरे हैं.हालांकि कुछ वकीलो के मुताबिक अलीपुर में आधारभूत ढांचे में और भी सुधार की जरूरत है. पॉक्सो मामले के कक्ष में भी अन्य कई मामले होते हैं. लिहाजा न्यायिक प्रक्रिया में देरी हो रही है. एक याचिकाकर्ता के मुताबिक उनका मामला पिछले डेढ़ वर्ष से लंबित है. कलकत्ता नगर दायरा अदालत में उपयुक्त आधारभूत ढांचा रहने पर भी न्यायाधीशों की कमी से समस्या हो रही है.
अदालत के मुख्य न्यायाधीश के कक्ष में दैनिक पांच से छह पॉक्सो के मामलों की सुनवाई होती है. मामलों के जल्द निपटारे की कोशिश तो होती है लेकिन वर्तमान में मुख्य न्यायाधीश के न रहने से कई मामले रुक गये हैं.
पॉक्सो मामले के विशेष सरकारी वकील विश्वजीत ठाकुरता ने बताया कि उनकी अदालत में सभी जरूरी आधारभूत ढांचा है. मुख्य न्यायाधीश का हाल ही में तबादला हुआ है. नये न्यायाधीश के आने से सभी मामलों का जल्द निपटारा हो सकेगा. सियालदह अदालत में 50 से अधिक पॉक्सो के मामले लंबित हैं.

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