कोलकाता : पिछले 10 सालों से मेरा काम सुनने का था. बोलने का नहीं, जिसकी वजह से कई बातें जो मेरे मन में थीं, उसे उदगार नहीं दे पा रहा था. यादवपुर विश्वविद्यालय के गांधी भवन में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद असांरी ने इज सेक्यूलरिज्म डेड इन इंडिया पर अपना पक्ष रख रहे थे. उन्होंने कहा […]
कोलकाता : पिछले 10 सालों से मेरा काम सुनने का था. बोलने का नहीं, जिसकी वजह से कई बातें जो मेरे मन में थीं, उसे उदगार नहीं दे पा रहा था. यादवपुर विश्वविद्यालय के गांधी भवन में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद असांरी ने इज सेक्यूलरिज्म डेड इन इंडिया पर अपना पक्ष रख रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भी बहस जारी है.
संविधान निर्माताओं ने इसके लिए ही सबों को समान कानूनी अधिकार व न्याय के साथ सुरक्षा मुहैया कराने के प्रावधान को प्रदान करने की व्यवस्था की, परंतु जिस तरह से समाज में एक खास समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है व चिंताजनक है. उन्होंने इस तरह की बहस को अभिजात्य वर्ग से निकल कर आम लोगों तक पहुंचने की अपील की. खास कर युवाओं को देश की चिंताओं से वाकिफ होना चाहिए. इस परिचर्चा का आयोजन द मुस्लिम इंस्टीच्यूट की ओर से किया गया था.
इस अवसर पर सांसद सुगत बसु ने गांधीजी के तीन नारों की बात कही, जिसमें अल्लाह हो अकबर, वंदे मातरम व भारत माता की जय, हिंदु मुसलमान की जय शामिल था. उन्होंने कहा कि 1980 के बाद से धर्मनिरपेक्षता केवल एक नारा बनकर रह गया है. स्वामी विवेकानंद ने धर्म की परिभाषा देते हुए सभी धर्मों को ईश्वर प्राप्ति का समान मार्ग बताया था,
जबकि आज धर्म का धंधा करनेवाले धर्म व राष्ट्रवाद की परिभाषा को विकृत कर रहे हैं. उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के सिंगापुर स्थित चेटियार मंदिर में तब कर नहीं प्रवेश करने जब तक सबों को इसमें प्रवेश का अधिकार मिले वाले वाकया का उदाहरण दिया. इस अवसर पर अन्य वक्ताओं में केंद्र सरकार में पूर्व संस्कृति सचिव जवाहर सरकार, प्रो शुभाशीष चक्रवर्ती, यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास, डॉ काकोली सेनगुप्ता आदि शामिल थी. कार्यक्रम के अंत में पूर्व सासंद नदीमुल हक ने धन्यवाद ज्ञापन किया व कार्यक्रम का सफल संचालन प्रदीप गोप्तु ने किया.
मुस्लिम इंस्टीच्यूट ने किया श्री अंसारी का अभिनंदन : मुस्लिम इंस्टीच्यूट की ओर से पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का अभिनंदन किया गया, जिसमें सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय, निसार अहमद, उप मेयर इकबाल अहमद, पार्षद सना अहमद, पूर्व सासंद व इंस्टीच्यूट के अध्यक्ष मोहम्मद नदीमुल हक आदि उपस्थित थे.