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एफआरडीआइ बिल के खिलाफ निकाली रैली

कोलकाता. प्रस्तावित फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (एफआरडीआइ) के खिलाफ सीटू, एटक, एआइसीसीटीयू, यूटीयूसी समेत केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से महानगर मेें रैली निकाली गयी. रैली गुरुवार की शाम करीब पांच बजे धर्मतल्ला के लेनिन मूर्ति के निकट से शुरू हुई जो महानगर के विभिन्न मार्ग से गुजरती हुई इंटाली मार्केट के पास समाप्त […]

कोलकाता. प्रस्तावित फाइनेंशियल रिजॉल्यूशन डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (एफआरडीआइ) के खिलाफ सीटू, एटक, एआइसीसीटीयू, यूटीयूसी समेत केंद्रीय श्रमिक संगठनों की ओर से महानगर मेें रैली निकाली गयी. रैली गुरुवार की शाम करीब पांच बजे धर्मतल्ला के लेनिन मूर्ति के निकट से शुरू हुई जो महानगर के विभिन्न मार्ग से गुजरती हुई इंटाली मार्केट के पास समाप्त हुई.

रैली में सीटू के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष मुखर्जी, सीटू के प्रदेश महासचिव अनादि साहू, प्रदेश एटक व परिवहन संगठन के वरिष्ठ नेता नवल किशोर श्रीवास्तव, यूटीयूसी के अशोक घोष, एआइसीसीटीयू के दिवाकर भट्टाचार्य समेत विभिन्न संगठनों से जुड़े नेता व सदस्य मौजूद रहे. रैली के दौरान सीटू के प्रदेश महासचिव अनादि साहू ने आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार आम लोगों पर आर्थिक दबाव बढ़ाना चाहती है. विभिन्न बैंकों से कई बड़ी कार्पोरेट कंपनियों ने ऋण ले रखा है. ऋण की रकम जब अदा नहीं हो पा रही है तो आम लोगों पर आर्थिक दबाव बनाकर बैंक, बीमा व आर्थिक संस्थानों की स्थिति सुधारने की कोशिश की जा रही है.

एटक नेता नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि प्रस्तावित एफआरडीआइ बिल ग्राहक विरोधी है. इस बिल से बैंक किसी भी समय खुद को दिवालिया बताने की कोशिश कर सकते हैं. जो आम लोग बैंक में रुपये रखते हैं, इस बिल के पास होने से उनके रुपये की कोई गारंटी नहीं रह जायेगी. यह जनहित में नहीं है.

उन्होंने कहा कि बिल पास कराने का कारण बैंक व आर्थिक संस्थानों के आर्थिक संकट के समय रुपये जमा करनेवाले लोगों की सुरक्षा के लिए बीमा कराये जाने की बात कही जा रही है, लेकिन असली बात यह है कि बिल के जरिये बैंक, बीमा व आर्थिक संस्थानों की बिगड़ी स्थिति सुधारने की यह पहल है. विभिन्न बैंकों से कार्पोरेट कंपनियों और पूंजीपतियों ने करोड़ों रुपये ऋण ले रखे हैं. उनसे ऋण वसूलने की कोशिश की बजाये आम लोगों पर आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश कभी भी स्वीकार नहीं की जा सकती है.

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