साथ ही मामले की जांच जारी रहेगी. जांच पर अदालत कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. बुधवार को मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील अनिंद्य मित्र व पार्थसारथी घोष ने कहा कि माकपा के बहिष्कृत नेता ऋतव्रत बनर्जी पर आरोप लगाने वाली नम्रता दत्त ने बालुरघाट थाने में पिछले महीने एक एफआइआर दर्ज किया था. वहां उन्होंने आरोप लगाया था कि दुष्कर्म की शिकायत वापस लेने के लिए उन्हें धमकियां दी जा रही हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि ऋतव्रत, मुकुल राय के करीबी हैं. इसलिए मामला वापस लेने के लिए उन्हें मुकुल राय के करीबियों की ओर से धमकियां मिल रही हैं. वकीलों का कहना था कि नम्रता दत्त द्वारा दायर एफआइआर में मुकुल राय का नाम देकर जो आरोप लगाया गया है उसमें मुकुल राय का कोई संबंध नहीं है. उनके खिलाफ लाये गये एफआइआर को अदालत खारिज करे. दूसरी ओर राज्य के एडवोकेट जनरल किशोर दत्त ने एफआइआर खारिज का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस के पास लिखित शिकायत है. इसलिए कानून के मुताबिक जांच जरूरी है. दोनों पक्षों का वक्तव्य सुनने के बाद न्यायाधीश ने एफआइआर खारिज न कर पुलिस पर चार हफ्ते तक श्री राय के खिलाफ कदम न उठाने का निर्देश दिया. क्रिसमस की छुट्टियों के तीन हफ्ते बाद मामले की सुनवाई होगी. गौरतलब है कि उनके खिलाफ दायर एफआइआर को खारिज करने के लिए श्री राय ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.