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एसवीएस मारवाड़ी हॉस्पिटल पर लगा 70 हजार का जुर्माना
कोलकाता : निजी अस्पतालों में इलाज की शिकायत से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए गठित वेस्ट बंगाल क्लीनिकल इस्टैब्लिश्मेंट रेगुलेटरी कमीशन ने शुक्रवार अर्म्हस्ट स्ट्रीट स्थित एसवीएस मारवाड़ी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की है. अस्पताल पर करीब 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की मौत के मामले […]
कोलकाता : निजी अस्पतालों में इलाज की शिकायत से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए गठित वेस्ट बंगाल क्लीनिकल इस्टैब्लिश्मेंट रेगुलेटरी कमीशन ने शुक्रवार अर्म्हस्ट स्ट्रीट स्थित एसवीएस मारवाड़ी हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की है. अस्पताल पर करीब 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
इलाज में लापरवाही के कारण मरीज की मौत के मामले में कमीशन ने यह फैसला सुनाया है. मृतका का नाम शीतल कौर (74) था. उनकी बायीं ओर के गले की हड्डी (नेक फीमर) में फ्रैक्चर था. इसके चलते वृद्धा को 22 मार्च 2017 को डॉ अमित दे की देखरेख में भर्ती कराया गया. मरीज को मधुमेह समेत अन्य कई बीमारियां भी थीं. तीन अप्रैल को मरीज की सर्जरी की गयी. सर्जरी के दौरान एक यूनिट आरबीसी चढ़ाये जाने की बात थी. इसके लिए परिजनों ने दो अप्रैल को ही अस्पताल को एक यूनिट रक्त दिया था.
लेकिन मरीज को नौ अप्रैल को ब्लड चढ़ाया गया. चिकित्सकों के अनुसार, छह से आठ घंटे के भीतर ही मरीज को आरबीसी चढ़ाया जाता है. ऑपरेशन के करीब 11 दिन बाद यानी 14 अप्रैल को मरीज की ड्रेसिंग की गयी, जबकि चिकित्सक ने 10 अप्रैल को ही ड्रेसिंग करने का सुझाव दिया था. समय पर ड्रेसिंग नहीं होने से शीतल कौर सेप्टीसीमिया की शिकार हो गयीं. इसके बाद से मरीज की हालत लगातार खराब होती रही. सेप्टीसीमिया एवं हृदयाघात से 16 अप्रैल को 4:45 बजे शीतल की मौत हो गयी. मृतका के परिजनों ने इलाज में लापरवाही की शिकायत हेल्थ कमीशन के पास की.
जांच में कमीशन ने अस्पताल को दोषी पाया और 70 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माने की राशि जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को देने को कहा गया है.
कोठारी मेडिकल सेंटर पर एक लाख का जुर्माना
मौत होने के बाद भी मरीज को वेंटिलेशन पर रखने एवं रक्त जांच किये जाने के मामले में वेस्ट बंगाल क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन ने कोठारी मेडिकल सेंटर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. मृतका का नाम अन्नपूर्णा सेठ (92) था. जानकारी के अनुसार, अन्नपूर्णा को 24 मार्च को महानगर स्थित कोठारी मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था.
30 अप्रैल को मरीज की मौत हो गयी. आरोप है कि 30 तारीख को ही मरीज की मौत हो गयी थी, लेकिन अस्पताल द्वारा परिजनों को इसकी जानकारी नहीं दी गयी. मौत के बाद भी मरीज को आइसीयू में वेंटिलेशन पर रखा गया था. 31 मार्च की सुबह परिजनों को बताया गया कि मरीज की हालत काफी गंभीर हैं. रक्तचाप घट रहा है. अगले एक से दो घंटे के भीतर मौत हो सकती है.
कमीशन ने जांच में यह पाया कि मौत के बाद मरीज के रक्त का नमूना जांच के लिए लिया गया था. अस्पताल से जारी बिल से इसकी पुष्टि हुई. वहीं, मरीज की मौत 12:20 बजे हुई, जबकि 1:20 बजे उसे वेंटिलेशन से हटाया गया. यानी इलाज खर्च बढ़ाने के लिए अस्पताल ने ऐसा किया. मामले की शिकायत मिलने के बाद कमीशन ने इसकी जांच की और अस्पताल को दोषी पाते हुए जुर्माना लगाया.
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