म्यांमार में रोहिंग्या की वापसी के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र में लाये प्रस्ताव
भारत में हिंदू पूरी तरह से सुरक्षित
कोलकाता. बांग्लादेश के आवास व लोकनिर्माण मंत्री इंजीनियर मोशर्रफ हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में हरगिज नहीं करने देंगे.
आतंकवाद पर बांग्लादेश की जीरो टॉलरेंस की नीति है और इसके खिलाफ उनकी सरकार व सुरक्षाबल सख्त कार्रवाई करती है. उन्होंने बताया कि 1971 की लड़ाई में प्राणों की आहूति देने वाले योद्धाओं की याद में बांग्लादेश एक अत्याधुनिक वार मेमोरियल बनायेगा.
अगले साल दिसंबर तक यह बनकर भी तैयार हो जायेगा. इसमें भारतीय सेना के जांबाजों व मुक्ति योद्धाओं की वीरता प्रदर्शित की जायेगी. 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में भारतीय सेना की ओर से हर साल 16 दिसंबर को मनाये जाने वाले विजय दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने आये बांग्लादेश के मोशर्रफ हुसैन ने शुक्रवार को कोलकाता में पत्रकारों के बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा पर पूछे गये सवाल में कहा कि उनके देश में वह पूरी तरह सुरक्षित हैं. बांग्लादेश में सक्रिय कट्टरपंथी समूहों द्वारा हिंदुओं को निशाना बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि तमाम ऐहतिहात के बाद भी कुछ घटनाएं हो जा रही है जिसे सरकार गंभीरता से ले रही है. उन्होंने कहा कि हिंदुओं की सुरक्षा बांग्लादेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
उन्होंने कहा कि 1971 में पाकिस्तान के साथ मुक्ति संग्राम युद्ध में यदि भारतीय सेना कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग नहीं किया होता तो आज बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं बन पाता. बांग्लादेश की आजादी के लिए भारत सरकार के अभूतपूर्व सहयोग एवं सेना के पराक्रम व बलिदान को उनका देश कभी नहीं भुला सकता. बांग्लादेश का बच्चा-बच्चा इसके लिए हमेशा ऋणी रहेगा. भारत व बांग्लादेश के बीच की दोस्ती दुनिया के लिए मिसाल है.
वहीं बांग्लादेश में रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सिर्फ मानवता के आधार पर ऐसा किया गया. उन्होंने कहा: यदि लोगों को निर्मम तरीके से मारा जा रहा हो तो मानवता यह नहीं कहती कि उसे मरने के लिए छोड़ दें. यदि हम उन्हें शरण नहीं देते तो उन्हें मार दिया जाता. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत ने बांग्लादेश के लोगों को शरण दिया था उसी प्रकार हमने म्यांमार के रोहिंग्या को शरण दिया. हालांकि उन्होंने उम्मीद जतायी कि जल्द ही रोहिंग्या मुद्दे का समाधान हो जाएगा. उन्होंने रोहिंग्या संकट के समाधान के लिए भारत से भी कूटनीतिक पहल करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश चाहता है कि म्यांमार में रोहिंग्या की वापसी के लिए भारत संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव लाये. उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत इसपर जरूर आगे बढ़ेगा. इसके साथ ही कहा कि बांग्लादेश जैसे गरीब देश के लिए सीमित संसाधन में लंबे समय तक लाखों रोहिंग्या को शरण देकर उनका भरण-पोषण करना संभव नहीं है.