17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संसद का शीतकालीन सत्र आज से :केंद्र को घेरेगी तृणमूल, उठायेगी ये सब मुद्दे

उठायेगी आधार, जीएसटी, नोटबंदी सहित अन्य मुद्दे कोलकाता : शुक्रवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता व सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय व राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता व […]

उठायेगी आधार, जीएसटी, नोटबंदी सहित अन्य मुद्दे
कोलकाता : शुक्रवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए सर्वदलीय बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता व सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय व राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता व सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने हिस्सा लिया. तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के अनुसार संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस केंद्र में शासित भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. तृणमूल कांग्रेस के सांसद संसद में आधार, रोजगार सृजन, सं‍घीय ढांचा पर हमला, किसानों की खराब स्थिति, जीएसटी व नोटबंदी के कुप्रभाव और इसके कारण धीमी होती अर्थव्यवस्था व महंगाई से मुद्दे को उठायेंगे.
उल्लेखनीय है कि तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के जीएसटी व नोटबंदी के फैसले के खिलाफ मोदी सरकार पर लगातार हमले बोल रही है.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार संसद के शीतकालीन सत्र में तृणमूल कांग्रेस मोबाइल व बैंक एकाउंट को आधार से जोड़ने के केंद्र के फरमान के मुद्दे को उठायेगी, क्योंकि आधार का इस्तेमाल जिस तरह से हो रहा है.
उससे व्यक्तिगत जानकारियां सार्वजनिक हो रही हैं. वरिष्ठ नेता का कहना है कि नोटबंदी ने पहले ही देश के गरीब व मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की कमर तोड़ दी थी. जीएसटी ने रही-सही कसर भी पूरी कर दी. उनका कहना है कि जीएसटी के कारण छोटे व्यापारी परेशानी का सामना कर रहे हैं. जीएसटी के बाद राजस्व में कमी आयी है. लोग परेशान हैं. लोग जीएसटी रिटर्न नहीं दाखिल कर पा रहे हैं. इससे परेशानी हो रही है. इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा संघीय ढांचे में हस्तक्षेप का मुद्दा भी संसद में तृणमूल कांग्रेस के सांसद उठायेंगे.
जीएसटी को जल्दबाजी मेें लागू किया गया : मित्रा
कोलकाता. राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया है.इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मानना है कि जीएसटी जरूरी था लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाना चाहिए था. श्री मित्रा ने दिल्ली में फिक्की द्वारा अायोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने साफ कर दिया था कि वह सैद्धांतिक रूप से जीएसटी को लागू करने की विरोधी नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे जल्दबाजी में लागू किया है. जल्दबाजी में जीएसटी लागू करने के कारण राजस्व उगाही को काफी धक्का लगा है. सितंबर, 2017 में राजस्व की उगाही 95,131 करोड़ रुपये थी, जो अक्तूबर 2017 में घट कर 83,346 करोड़ रुपये हो गयी है.
उन्होंने चिंता जतायी कि नवंबर माह में राजस्व की दर में और भी गिरावट आयेगी. बिजनेस चेंबर्स भी जीएसटी कानून में गिरफ्तारी के प्रावधान को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि पहलेे नोटबंदी और फिर जीएसटी से लघु व मध्यम उद्योग को काफी धक्का लगा है. श्री मित्रा ने कहा कि बिना तैयारी के जल्दबाजी में इसके क्रियान्वयन से न केवल राजस्व का नुकसान हुआ है बल्कि लघु एवं मझोले उद्योग इससे प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने कहा कि अकेले अक्तूबर महीने के जीएसटी संग्रह में 12,000 करोड़ रुपये की कमी आयी है.यह (राजस्व में कमी) जल्दबाजी में अमल में लायी गयी प्रणाली के लिए खतरे का संकेत है, जिसका मैंने विरोध किया है. इसे लघु एवं मझोले उपक्रमों की कीमत पर लागू किया गया. इसका मैंने विरोध किया है. वे अब देशभर में कह रहे हैं कि हमें प्रणाली को ठीक करना है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से इसे जल्दबाजी में लागू किया गया उससे राजस्व संग्रह बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
श्री मित्रा ने कहा कि पश्चिमबंगाल में 37 लाख लघु एवं मझोली इकाइयां हैं. जल्दबाजी में जीएसटी लागू होने से उन पर असर पडा है. उन्होंने कहा : पश्चिम बंगाल सैद्धांतिक रुप से जीएसटी के खिलाफ नहीं है, लेकिन इसमें छोटे उद्यमियों का ध्यान रखा जाना चाहिये. श्री मित्रा ने आशंका जतायी कि जीएसटी व्यवस्था को जल्द ही स्थिर हो जाना चाहिये. जीएसटी प्राप्ति में कमी का राज्यों को मिलने वाले मुआवजे पर असर पड़ सकता है.
राज्यों को पहले चार माह में 1.33 लाख करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है. अभी इसमें 39,111 करोड़ रुपये की कमी है. राज्यों को चार माह में कुल 1.72 लाख करोड़ रपये की क्षतिपूर्ति दी जानी है. जीएसटी कानून के तहत राज्यों को नई व्यवस्था लागू होने के पहले पांच साल तक राजस्व क्षति की भरपाई की गारंटी दी गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें